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झारखंड: नई सरकार के गठन पर चर्चा करने पहुंचे चंपई सोरेन राजभवन

Champai Soren | SHRESHTH BHARAT

झारखंड के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, जिन्हें हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झामुमो विधायक दल के नेता के रूप में नामित किया गया था, उनको राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को राजभवन में उनसे मिलने के लिए समय आवंटित किया है।

इससे पहले दिन में चंपई सोरेन ने राज्यपाल को पत्र लिखकर राज्य में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था। राज्यपाल ने चंपई सोरेन को राजभवन में मिलने के लिए आज शाम 5.30 बजे का समय आवंटित किया है। चंपई सोरेन ने पत्र में कहा कि उनके पास 47 विधायकों का समर्थन है, जो 81 सदस्यीय विधानसभा राज्य में सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है।

पत्र में चंपई सोरेन ने कहा कि महोदय, पिछले 18 घंटे से राज्य में कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है। राज्य में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। संवैधानिक प्रमुख होने के नाते हम सभी विधायक और जनता राज्य की जनता आपसे उम्मीद करती है कि आप जल्द ही सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे और राज्य को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालेंगे।

उन्होंने राज्यपाल से सरकार बनाने के उनके दावे को स्वीकार करने और उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नामित करने का अनुरोध किया। पत्र में कहा गया है, ”सर, इसलिए मैं आपसे सम्मानपूर्वक अनुरोध करता हूं कि सरकार बनाने के मेरे दावे को स्वीकार करें और कृपया मुझे जल्द ही मुख्यमंत्री के रूप में नामित करें और नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करें। साथ ही यह भी अनुरोध है कि मुझे आज राजभवन में सभी विधायकों से मिलने का समय दिया जाए ताकि मैं विधायकों के साथ आपसे मिल सकूं और आपको आश्वस्त कर सकूं कि बहुमत मेरे साथ है, मैं एक स्थिर सरकार बनाऊंगा राज्य में और मैं यह देने में सक्षम हूं।

राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन सात बार विधायक हैं और वह झारखंड में सरायकेला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। झामुमो में शामिल होने से पहले वह निर्दलीय विधायक थे।

इससे पहले बुधवार शाम को कथित भूमि घोटाला मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में ईडी द्वारा छह घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया।

ED के मुताबिक, सीएम सोरेन से ‘माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन के बड़े रैकेट’ की जांच के तहत पूछताछ की गई थी। जांच करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन के विशाल पार्सल हासिल करने के लिए जाली या फर्जी दस्तावेजों की आड़ में ‘फर्जी विक्रेताओं’ और खरीदारों को दिखाकर आधिकारिक रिकॉर्ड में जालसाजी करके उत्पन्न अपराध की बड़ी मात्रा से संबंधित है।


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