इन अटकलों के बीच कि नीतीश कुमार फिर से भाजपा के साथ जाने के लिए तैयार हैं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री को “अशांत आत्मा” कहा, जबकि जोरदार ढंग से कहा कि भाजपा 2025 में राज्य में नई सरकार बनाएंगे। सिंह ने कहा “हम 2025 में बिहार में सरकार बनाएंगे। बिहार के लोग 2024 में लोकसभा में और 2025 में बिहार में बीजेपी को वोट देंगे। मैं बस देख रहा हूं कि राज्य में क्या चल रहा है।”
बिहार में 2022 में RJD, JDU, कांग्रेस और तीन वाम दलों वाले महागठबंधन की सरकार बनाने के लिए JDU नेता के भाजपा से अलग होने के बारे में पूछे जाने पर गिरिराज सिंह ने कहा “वह एक बेचैन आत्मा हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि राजद और जदयू के बीच मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है।‘’
गिरिराज सिंह ने कहा “बीजेपी निश्चित रूप से हो रही राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रख रही है। अब जो भी जवाब देना है वह लालू यादव, राजद, तेजस्वी यादव या नीतीश कुमार को देना है। न तो लालू यादव ने अभी कहा है कि हम चले गए हैं, न ही नीतीश ने कुमार ने कहा है कि वह चले जायेंगे। इसमें भारतीय जनता पार्टी क्या कह सकती है? हम यहां मुख्य पार्टी हैं, इसलिए जो भी गतिविधियां हो रही हैं, उन पर बीजेपी ने गंभीरता से नजर रखी है, लेकिन जो कुछ भी हो रहा है, उसमें बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है। RJD और JDU के बीच संभावित दरार के कारणों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा इस बारे में लालू यादव को पता होगा, या नीतीश कुमार को पता होगा।”
हालांकि गिरिराज सिंह ने कहा कि उनकी राय में पटना में इंडिया ब्लॉक की बैठक के दौरान लालू यादव द्वारा नीतीश कुमार पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्राथमिकता देने से दोनों दलों के बीच दरार शुरू हो गई। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने बीजेपी छोड़ दी थी क्योंकि वह प्रधानमंत्री पद के लिए दौड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें लालू यादव से समर्थन नहीं मिला। गिरिराज सिंह ने कहा “नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हो गए क्योंकि वह प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन लालू यादव इसमें सबसे बड़ी बाधा थे क्योंकि उन्होंने कभी उन्हें नहीं बल्कि राहुल गांधी को आगे बढ़ाया।”
इस बीच बिहार विधान परिषद में बीजेपी के मुख्य सचेतक दिलीप जयसवाल ने कहा ”राजनीति में कुछ भी संभव है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए किसी भी फॉर्मूले या कारक पर विचार कर सकते हैं कि देश को 2024 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार मिले। अगर नीतीश जी सोचते हैं कि महागठबंधन नहीं बल्कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश को नई सरकार मिलनी चाहिए, तो ऐसे लोगों के लिए चुनाव के एक दिन पहले तक भी बीजेपी के दरवाजे खुले हैं। कोई ललन सिंह या अशोक चौधरी फैक्टर नहीं है।”
इससे पहले आज राजद सांसद मनोज कुमार झा ने राज्य में महागठबंधन गठबंधन में विभाजन के दावों को “महज अफवाह” करार दिया। उन्होंने कहा ”यह सब अफवाह है। और इस अफवाह से जो बेचैनी पैदा हुई है, उससे केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही निपट सकते हैं।‘’ झा ने कहा कि बिहार पूरे देश के लिए एक गर्म विषय है और उन्हें जनता दल यूनाइटेड और राजद के बीच कोई दरार नहीं दिखती।
इस बीच राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में नीतीश-तेजस्वी सरकार मजबूती से काम कर रही है, लेकिन भविष्य में क्या होगा इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता। तिवारी ने कहा “नीतीश-तेजस्वी सरकार बिहार में मजबूती से काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी। हमें क्या पता कि भविष्य में क्या होगा? राष्ट्रीय जनता दल और हमारे नेताओं ने राजनीति में जिस तरह से संघर्ष किया है, वह सभी को पता है। यादव, तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल अपने संघर्षों के लिए जाने जाते हैं। हमारी पार्टी और नेता जनता के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सरकार बिहार के हित के लिए काम कर रही है।”
ऐसी अटकलें हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं, जिस गठबंधन को उन्होंने 2022 में छोड़कर विपक्ष से हाथ मिलाया था और ‘महागठबंधन’ बनाया था। यह सब तब शुरू हुआ जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने ‘एक्स’ पर राजद के सत्तारूढ़ सहयोगी जदयू पर कटाक्ष करते हुए पोस्ट किया कि ‘सोशलिस्ट पार्टी’ (जेडीयू) खुद को प्रगतिशील बताती है, लेकिन उसकी विचारधारा हवा के बदलते पैटर्न के साथ बदलता है, एक ऐसा बयान जिसने सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर दरार पैदा कर दी।
अगर नीतीश पाला बदलते हैं तो यह चौथी बार होगा जब वह पाला बदलेंगे। 243 की बिहार विधानसभा में राजद के 79 विधायक हैं; इसके बाद भाजपा के 78; जेडीयू की 45, कांग्रेस की 19, सीपीआई (एमएल) की 12, सीपीआई (एम) और सीपीआई की दो-दो, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) की चार सीटें और एआईएमआईएम की एक सीट है। साथ ही एक निर्दलीय विधायक है।