इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इज़राइल के खिलाफ लगाया गया नरसंहार का आरोप अपमानजनक है और हर जगह के सभ्य लोगों को इसे अस्वीकार करना चाहिए।
इज़राल के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के नरसंहार के दावे पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले के जवाब में इज़राइली पीएम ने कहा “इजरायल के खिलाफ लगाया गया नरसंहार का आरोप न केवल झूठा है, बल्कि अपमानजनक है और हर जगह के सभ्य लोगों को इसे खारिज करना चाहिए।”
नेतन्याहू ने कहा “अंतर्राष्ट्रीय नरसंहार स्मरण दिवस की पूर्व संध्या पर मैं इज़राइल के प्रधानमंत्री के रूप में फिर से प्रतिज्ञा करता हूं फिर कभी नहीं। इज़राइल एक नरसंहारक आतंकवादी संगठन हमास के खिलाफ अपनी रक्षा करना जारी रखेगा।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति इज़राइल की प्रतिबद्धता अटल है और हमारे देश और हमारे लोगों की रक्षा जारी रखने की देश की पवित्र प्रतिबद्धता भी उतनी ही अटल है।‘’
नेतन्याहू ने कहा “हर देश की तरह इज़राइल को अपनी रक्षा करने का अंतर्निहित अधिकार है। इज़राइल को इस मौलिक अधिकार से वंचित करने का घृणित प्रयास यहूदी राज्य के खिलाफ ज़बरदस्त भेदभाव है और इसे उचित रूप से खारिज कर दिया गया था।”
हेग में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने शुक्रवार को इज़राइल को गाज़ा में नरसंहार को रोकने के लिए ‘सभी उपाय करने’ का आदेश दिया। हालाँकि अदालत ने युद्धविराम लागू करने का आदेश नहीं दिया। अदालत के फैसले पर 15 के मुकाबले 2 वोटों से सहमति बनी। साथ ही इजराइल को एक महीने में कोर्ट में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया।
इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा “7 अक्टूबर को हमास ने यहूदी लोगों के खिलाफ प्रलय के बाद से सबसे भयानक अत्याचार किए और वह इन अत्याचारों को बार-बार दोहराने की कसम खाता है। उन्होंने कहा कि इज़राइल की लड़ाई हमास आतंकियों के खिलाफ है फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ नहीं। हम मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे और नागरिकों को नुकसान से दूर रखने की पूरी कोशिश करेंगे भले ही हमास नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करता है।”
नेतन्याहू ने कहा “हम अपने देश की रक्षा और अपने लोगों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक है वह करना जारी रखेंगे।‘’