प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 और 14 फरवरी को UAE के दो दिवसीय दौरे पर रहेगें। अपनी यात्रा के दौरान वह अबू धाबी में BAPS हिंदु मंदिर का उद्घाटन करेगें। बीते 8 महीने में पीएम मोदी का ये तीसरा UAE दौरा है। अपने इस दो दिवसीय दौरे पर पीएम मोदी UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेगें।
पीएम मोदी 14 फरवरी को अबू धाबी में बने पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं। पीएम मोदी के इस दौरे से पहले भारत में संयुक्त UAE के राजदूत अब्दुल नासिर अल शाली ने BAPS हिंदू मंदिर के उद्घाटन को UAE के लिए खास मौका बताया है। उन्होंने कहा कि भारत और UAE सहिष्णुता और स्वीकार्यता के मूल्यों के चलते अपनी दोस्ती को और मजबूत कर पा रहे हैं।
पहले भी पीएम इतनी बार कर चुकें हैं UAE का दौरा
अबूधाबी के हिंदु मंदिर के उद्घाटन के सिलसिले में पीएम मोदी का तीसरा विजिट है। पीएम मोदी 13 और 14 फरवरी को UAE का दौरा करेगें साथ ही अबूधाबी में बने हिंदु मंदिर का उद्घाटन करेगें। इस मंदिर का निर्माण BAPS नाम की संस्था ने किया है। दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का नेतृत्व भी इसी संस्था ने किया है। पीएम मोदी साल 2015 से कुल 6 बार UAE का दौरा कर चुके हैं और यह उनका सातवां दौरा होगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अपने इस दो दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ द्विपक्षीय बातचीत में शामिल होंगे। इस दौरान दोनों के बीच अपनी रणनीतिक दोस्ती को मजबूत करने के साथ-साथ एक-दूसरे के हित से जुड़े स्थानीय और अंतराष्ट्री य मुद्दों पर बातचीत होगी।
क्या बोले भारत में UAE के राजदूत
भारत में UAE के राजदूत अब्दुल नासिर अल शाली ने कहा है कि पीएम मोदी के UAE दौरा दोनों देशों की दोस्ती को अच्छे से दर्शाता है। उन्हें उम्मीद है कि भारत के प्रधानमंत्री का दौरा सकारात्मक रहेगा। इस दौरान हमें दोनों देशों की तरफ से द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूती प्रदान करने और अन्य क्षेत्रों में सहयोग से जुड़ी कई घोषणाएं भी सुनने को मिल सकती हैं।
भारत में आगामी लोकसभा चुनाव और राजनीतिक स्थिरता को लेकर भी UAE के राजदूत ने कहा, “भारत वैश्विक राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। पिछले महीने गुजरात समिट में यूएई के राष्ट्रपति खुद शामिल हुए थे जो दिखाता है कि भारत यूएई का कितना अहम सहयोगी है। यूएई भारत की राजनीतिक स्थिरता को अहमियत देता है क्योंकि मजबूत कूटनीटिक रिश्ते के लिए दोनों ही देशों में राजनीतिक स्थिरता होना जरूरी है।”