पाकिस्तान वायु सेना ने गुरुवार को ईरान के अंदर कथित बलूच अलगाववादी शिविरों पर जवाबी हवाई हमले किए। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान वायु सेना के जवाबी हमलों में पाकिस्तान द्वारा वांछित बलूच आतंकवादियों के ईरानी क्षेत्र के अंदर स्थित ठिकानों को निशाना बनाया गया।
यह कदम तेहरान के यह कहने के एक दिन बाद आया है कि उसने पाकिस्तान में जैश अल-अदल (न्याय की सेना) के दो महत्वपूर्ण मुख्यालयों को नष्ट करने के लिए सटीक मिसाइल और ड्रोन हमलों का इस्तेमाल किया। इसके बाद इस्लामाबाद ने पाकिस्तान की संप्रभुता के उल्लंघन को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया और गंभीर परिणामों की चेतावनी दी।
इस बीच एक अन्य पाकिस्तानी स्थानीय दैनिक ने भी आज खबर दी कि पाकिस्तान द्वारा वांछित बलूच आतंकवादियों के ठिकानों को ईरान में निशाना बनाया गया है।
बुधवार को पाकिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री, जलील अब्बास जिलानी ने अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन के साथ एक फोन कॉल में रेखांकित किया कि 16 जनवरी को पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर ईरान द्वारा किया गया हमला न केवल पाकिस्तान की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन बल्कि यह एक अंतर्राष्ट्रीय कानून और पाकिस्तान और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों की भावना का गंभीर उल्लंघन था।
हमले की पाकिस्तान की ओर से बिना शर्त निंदा व्यक्त करते हुए जिलानी ने कहा कि इस घटना से पाकिस्तान और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर नुकसान हुआ है। इस बीच पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल-हक काकर ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच के मौके पर ईरान के विदेश मंत्री, होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से मुलाकात की। लगभग उसी समय ईरानी सरकार ने पाकिस्तान के अंदर जैश अल अदल आधार को निशाना बनाने ड्रोन और मिसाइल हमले की घोषणा की।
2012 में गठित, जैश अल-अदल, जिसे ईरान द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है, एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो ईरान के दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में संचालित होता है। पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर में जैश अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कम से कम 11 पुलिस कर्मियों की जान चली गई थी।
पाकिस्तान पर मंगलवार का हमला ईरान द्वारा सोमवार को उत्तरी इराक और सीरिया में मिसाइलें दागने के बाद हुआ है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इराक और सीरिया में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के हमलों का बचाव करते हुए उन्हें सुरक्षा खतरों को रोकने के उद्देश्य से “सटीक और लक्षित” ऑपरेशन करार दिया।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी के अनुसार हमलों ने सीरिया के इदलिब में एक आतंकवादी मुख्यालय और इराक के एरबिल में एक मोसाद-संबद्ध केंद्र को निशाना बनाया। कनानी ने ऑपरेशन की सटीकता पर जोर देते हुए कहा कि बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल अपराधियों के मुख्यालय की पहचान करने और उन पर हमला करने के लिए किया गया था।