भारत की आबादी 144 करोड़ पार होने का अनुमान लगाया गया है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि की तरफ से वार्षिक विश्व जनसंख्या की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से कई बेहतर हुई है। रिपोर्ट में दावा किया है कि पहले की स्थिति में मृत्यु दर में कमी देखने को मिली है और अधिक जीवन जीने की उम्मीद बढ़ी है। 144 करोड़ की जनसंख्या में 0 से लेकर 24 तक की उम्र के 67 फीसदी लोग हैं। वहीं, 7 फीसदी आबादी 65 वर्ष से अधिक आयु की है, जबकि 17 फीसदी आबादी में 10-19 व 19-24 उम्र के 26 फीसदी लोग हैं।
धनी महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाओं में फायदा
रिपोर्ट में एक ओर दावा किया गया है कि भारत में धनी महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाओं को ज्यादा फायदा मिला है, लेकिन दिव्यांग महिलाएं, लड़कियां, प्रवासी, जातीय, अल्पसंख्यकों और वंचित जातियों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में ज्यादा जोखिमों का सामना करना पड़ता है। कई आपातकालीन सेवाओं और जलवायु परिवर्तन के दौरान बड़े पैमाने पर स्थिति खराब हुई है।
800 महिलाओं की बच्चों को जन्म देते समय मौत
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2016 के बाद से 800 महिलाओं की बच्चों को जन्म देते समय मौत हो गई। अमेरिकी रिपोर्ट में गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार मुहैया कराने वाली योजनाओं की भी प्रशंसा की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश के 640 जिलों के मुताबिक मृत्यु दर का अनुपात एक लाख पर 70 या इससे कम है, लेकिन 114 जिले ऐसे हैं, जहां यह अनुपात 1 लाख पर 210 या इससे अधिक है। अरुणाचल प्रदेश के तिराप जिले में यह सबसे ज्यादा एक लाख पर 1,671 या अधिक है।