MP/MLA: सुप्रीम कोर्ट में देश के सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलें की एक याचिका पर सुनवाई की गई। इसमें कोर्ट को जानकारी दी गई कि पिछले साल में लगभग सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों में 2000 से ज्यादा मामलों पर सुनवाई की जा चुकी है। इन सभी मामलों की सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया को जानकारी जुटाने के लिए नियुक्त किया था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें मांग की गई है कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई में तेजी लाई जानी चाहिए।
आदेश के बाद सुनवाई में तेजी
बता दें कि विजय हंसारिया ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार एमपी और एमएलए कोर्ट में सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई में तेजी देखी गई है। फिर भी सुप्रीम कोर्ट को दोबारा एमपी/एमएलए कोर्ट को आदेश दिए जाने चाहिए जिसकी वजह से लंबित पड़े मामलों पर भी जल्द सुनवाई की जा सके।
विजय हंसारिया ने कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट
विजय हंसारिया ने कोर्ट में एनजीओ एडीआर की रिपोर्ट में बताया कि लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में कुल 2,810 उम्मीदवारों में से 501 उम्मीदवार दागी हैं। इनमें से भी 327 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें जनप्रतिनिधि अगर दोषी पाए गए तो उन्हें पांच साल या ज्यादा की सजा हो सकती है।
बीते साल में 2000 मामलों पर सुनवाई
बीते पिछले साल के मामलों की बात करें तो उत्तर प्रदेश की एमपी-एमएलए कोर्ट में दर्ज 1300 मामलों दर्ज किए गए थे, जिनमें से 766 मामलों पर सुनवाई की जा चुकी हैं। वहीं दिल्ली के 105 मामलों में से 103 मामलों को निपटा दिया गया है। महाराष्ट्र में 476 मामलों में से 232 में भी सुनवाई की जा चुकी है और बंगाल के 26 में से 13 में, कर्नाटक में 226 में से 150 मामलों, केरल में 370 में से 132, बिहार में 525 मामलों में से 171 एमपी/एमएलए कोर्ट में सुनवाई की जा चुकी है।
वेबसाइट की बनाने की मांग
हलफनामे में मांग की गई कि नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रिड की तरह एक वेबसाइट बनाई जाए, जिससे लंबित मामलों की रियल टाइम की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में एक समिति बनाने की मांग की गई है, जो लंबित मामलों की जांच करे।