इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर Supreme court ने सोमवार को State Bank of India को फटकार लगाई। चीफ जस्टिस ने भारतीय स्टेट बैंक से पूछा कि अभी तक पूरी जानकारी क्यों नहीं दी गई। चीफ जस्टिस ने कहा, कि ‘फैसले में जब सब स्पष्ट था कि सभी विवरणों का खुलासा किया जाना चाहिए। तो अब तक क्यों नहीं किया।‘’ सख्त रवैया अपनाते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत ने SBI से कहा कि SBI चैयरमैन को 21 मार्च शाम 5 बजे तक सारी जानकारी सांझा करनी होंगी। इसी के साथ एक हलफनामा भी दाखिल करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने पिछली सुनवाई के दौरान भी कहा था कि आपको चुनावी बॉन्ड पर यूनिक नंबर भी बताना होगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि ELECTION COMMITION के पास जैसे ही जानकारी आती है तो चुनाव आयोग को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। कोर्ट ने आगे कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा एक भी मुद्दे को छिपाया नहीं जाना चाहिए। सब कुछ सार्वजनिक होना चाहिए।
SBI की तरफ से पेश किए गए सीनियर वकील हरीश साल्वे कहा कि उन्हें यह समझने का मौका दिया जाने चाहिए कि उन्हें आदेशों का पालन कैसे करना है। इसके बाद CJI ने हरीश साल्वे से कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी आपके पास है और सभी का खुलासा किया जाना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक, साल 2019 से पहले का भी डाटा जारी किया जाएगा। जिससे कि पता चल सकें कि कहा किसने कितना पैसा दिया है। चुनाव आयोग ने एक अपने बयान में कहा था कि सभी राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के 12 अप्रैल 2019 के अंतरिम आदेश के अनुसार एक सीलबंद कवर में चुनावी बॉन्ड का डेटा दाखिल किया था।