Patanjali: पतंजलि की मुश्किलें रूकने का नाम नहीं ले रही है। पतंजलि की सोन पापड़ी का नमूना जांच में फेल हो गया है। जांच में फेल पाए जाने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) पिथौरागढ़ की कोर्ट ने सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रकरण में पतंजलि के सहायक प्रबंधक समेत 3 लोगों को दोषी पाते हुए 6-6 माह के कारावास का आदेश दिया है और मामले में अर्थदंड भी लगाया गया है। जिसे अदा न करने की दशा में सजा की अवधि बढ़ा दी जाएगी।
17 अक्टूबर 2019 को एक खाद्य सुरक्षा निरीक्षक ने पिथौरागढ़ जिले में बेरीनाग की एक दुकान से पतंजलि ब्रांड की सोन पापड़ी का नमूना जांच के लिए भेजा था। नमूना जांच में फेल होने पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी की ओर से दुकानदार लीलाधर पाठक, वितरक कान्हा जी डिसट्रीब्यूटर रामनगर के सहायक प्रबंधक अजय जोशी और निर्माता कंपनी पतंजलि के सहायक प्रबंधक अभिषेक कुमार के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजय सिंह की अदालत में यह मामला चला। शनिवार को कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद तीनों आरोपितों को दोषी पाते हुए दुकानदार लीलाधर पाठक को 6 माह के कारावास और 5000 रुपये अर्थदंड, अजय जोशी को 6 माह कारावास व 10000 रुपये अर्थदंड और पतंजलि के सहायक प्रबंधक अभिषेक कुमार को 6 माह कारावास व 25000 रुपये अर्थंदंड की सजा सुनाई।
अदालत ने अपना फैसला खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत सुनाया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि अदालत में पेश किए गए सबूत स्पष्ट रूप से उत्पाद की घटिया गुणवत्ता के बारे में बताते हैं।