State Wise Debt of India: हिमाचल प्रदेश कर्ज के दलदल में फंस चुका है। राज्य पर 86 हजार 639 करोड़ का कर्ज है। इस कर्ज को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने अपनी दो महीने की सैलरी न लेने का फैसला किया है। उनके साथ-साथ मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव और बोर्ड निगमों के चेयरमैन सैलरी और भत्ते नहीं लेंगे।
बता दें कि हिमाचल ही एक अकेला ऐसा राज्य नहीं है, जो कर्ज के दलदल में फंसा है, बल्कि कई राज्यों पर कर्ज का बोझ लदा हुआ है। आइए, आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं..
रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2024 तक सभी राज्य सरकारों पर लगभग 75 लाख करोड़ रुपये कर्ज था, जोकि मार्च 2025 तक बढ़कर लगभग 83.31 करोड़ रुपये तक हो जाएगा। वहीं, इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि किस राज्य पर कितना कर्ज है।
तमिलनाडु
तमिलनाडु में इस वक्त DMK की सरकार है और वहां के सीएम एम के स्टालिन हैं। RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार पर सबसे अधिक 8.34 लाख करोड़ का कर्ज है।
उत्तर प्रदेश
तमिलनाडु के के बाद कर्ज के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर आता है। यहां भाजपा की डबल इंजन की सरकार है और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं। आरबीआई के मुताबिक, यूपी पर 7.69 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में इस वक्त गठजोड़ की सरकार है। राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे हैं। इस राज्य पर 7.22 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
इसके अलावा, पश्चिम-बंगाल पर 6.58 लाख करोड़, कर्नाटक पर 5.97 लाख करोड़, राजस्थान पर 5.62 लाख करोड़ , आंध्र प्रदेश पर 4.85 लाख करोड़, गुजरात पर 4.67 लाख करोड़ और केरल पर 4.29 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
इसके अलावा, मध्य प्रदेश पर 4.18 लाख करोड़, तेलंगाना पर 3.89 लाख करोड़, पंजाब पर 3.51 लाख करोड़, हरियाणा पर 3.36 करोड़ रुपये, बिहार पर 3.19 लाख करोड़ और असम पर 1.51 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।