Pm Narendra Modi History: लोकसभा चुनाव 2024 का चुनाव 7 चरणों में खत्म हो चुका है। आज यानी 4 जून को नतीजे आएंगे। ऐसे में आइए एक नजर देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के करियर, शिक्षा, बचपन और राजनीतिक करियर पर डालते हैं…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। इनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी और माता का नाम हीराबेन था। मोदी की शुरुआती शिक्षा वडनगर के भागवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल से हुई थी। वह बचपन से ही वाद-विवाद प्रतियोगिता और नाटकों में काफी दिलचस्पी रखते थे। इसी दौरान उन्होंने स्कूल के समय में कई पुरस्कार जीते थे। उन्होंने स्कूल की शिक्षा के साथ-साथ एनसीसी भी ले रखी थी।
पीएम मोदी लोगों के बीच इस बात को लेकर काफी चर्चा में बने रहते हैं कि उन्होंने अपने पिता के साथ रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। इसका जिक्र पीएम मोदी ने खुद अपने भाषणों में कई बार किया है। मोदी के पिता की दुकान वडनगर रेलवे स्टेशन पर थी। यहां मोदी अपने पिता की मदद करते थे। इसलिए पीएम मोदी को लोग चायवाले प्रधानमंत्री के नाम से बुलाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने 1965 के भारत- पाक के बीच हुए युद्ध के दौरान स्टेशन से गुजर रहे सैनिकों को चाय पिलाई थी।
पीएम मोदी के परिवार में 8 सदस्य थे, जिनमें से वह तीसरे नंबर पर आते थे। इनके चार भाई और एक बहन थी। भाई का नाम सोमा मोदी, अमृत मोदी, प्रहलाद मोदी, पंकज मोदी है, जोकि अपना खुद का व्यवसाय करते हैं। मोदी की बहन का नाम वसंतीबेन हसमुखलाल मोदी है। ऐसा माना जाता है कि 18 साल की उम्र में मोदी की शादी हो गई थी, लेकिन शादी के कुछ साल बाद इन्होंने अपना घर छोड़ दिया।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े थे। साल 1958 में दीपावली के मौके पर गुजरात प्रांत के प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार ने इन्हें बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलाई थी। इसके बाद से ही मोदी संघ के सक्रिय सदस्य बन गए थे।
बीजेपी के दिग्गज नेता और देश के उपप्रधानमंत्री रहे लालकृष्ण आडवाणी को पीएम मोदी का राजनीतिक गुरु कहा जाता है। 1985 में पीएम मोदी राजनीति करियर की शुरुआत ही थी और बीजेपी के साथ जुड़ गए। मोदी को साल 1988-89 में गुजरात बीजेपी में महासचिव बना दिया गया। इसके बाद मोदी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलता की सीढ़ियां छूते गए। 1995 में मोदी को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया।
साल 2001 में गुजरात में भयानक भूकंप आया, जिसने चारों तरफ काफी तबाही मचाई। इसी दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने गुजरात के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मोदी को दिल्ली से गुजरात भेजा गया। इस तरह मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उन्हें उनके अच्छे कामों के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) गुजरात का मुख्यमंत्री चुना।
2014 में मोदी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा। एनडीए की जीत के साथ ही मोदी को देश का प्रधानमंत्री घोषित किया गया। उस दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पीएम मोदी ने 282 सीटें हासिल कीं। इसके बाद इसी तरह 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एक बार फिर पीएम मोदी ने इतिहास रचते हुए प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है, जिन्होंने लालकिले की प्राचीर से लगातार देश को नौ बार संबोधित किया है।