दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं होंगे। ईडी ने बीते बुधवार को केजरीवाल को पांचवां समन भेजा था। इससे पहले बीते चार महीने में मुख्यमंत्री चार बार समन जारी होने के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए। उधर आम आदमी पार्टी के नेता ईडी के समन को गैरकानूनी बताते हैं। पार्टी का कहना है कि सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोशिश है। हम वैध समन का पालन करेंगे।। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी केजरीवाल को गिरफ्तार कर दिल्ली की सरकार को गिराना है।
बता दें, काफी समय से दिल्ली आबकारी नीति मामले में जांच चल रही हैं और इसी जांच में पूछताछ के लिए आज अरविंद केजरीवाल को बुलाया गया था। ईडी ने इससे पहले 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को केजरीवाल को समन भेजा था, लेकिन वो पेश नहीं हुए। आपको जानकारी के लिए बता दें, शराब नीति केस में ही दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह जेल में बंद हैं।
इससे पहले पिछले साल अप्रैल के महीने में शराब नीति केस में केजरीवाल से सीबीआई ने अपने ऑफिस में करीब दस घंटे तक पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान लगभग 56 सवाल पूछे गए। इसके बाद केजरीवाल ने कहा था- मैंने CBI के सभी सवालों के जवाब दिए। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। आप कट्टर ईमानदार पार्टी है। हम मर-मिट जाएंगे, पर कभी अपनी ईमानदारी के साथ समझौता नहीं करेंगे। वे आप को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन देश की जनता हमारे साथ है।
क्या कहता है कानून
कानून के जानकारों के अनुसार, सीएम अरविंद केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ईडी उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी किया जा सकता है। ईडी के सामने पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है। इस पर ईडी समय दे सकती है और दोबारा नोटिस जारी किया जा सकता है। हालांकि, PMLA एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना करने पर गिरफ्तारी भी हो सकती है। अगर केजरीवाल आगे पेश नहीं होते तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। सवालों के जवाब ना मिलने पर गिरफ्तारी भी की जा सकती है। वहीं, मुख्यमंत्री केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट भी जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ईडी को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है।
इस मामले पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने केजरीवाल पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल, अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो आप खुद को ईडी और अन्य एजेंसियों के सामने पेश क्यों नहीं कर रहे हैं? आप वही केजरीवाल हैं, जिन्होंने अन्ना हजारे के संरक्षण में सबसे पहले यही कहा था, इस्तीफा होना चाहिए और फिर जांच। आज आप जांच में सहयोग करने से इनकार करते हैं। आप कहते हैं कि ये सब राजनीति से प्रेरित हैं, जैसे कि ‘भ्रष्टाचार’ करना आपका ‘शिष्टाचार’ है। कब तक आप यह विक्टिमहुड कार्ड खेलेंगे? यह INDIA गठबंधन का ‘चरित्र’ है, केवल एक चीज जो उन्हें बांधती है वह कमीशन और भ्रष्टाचार है, कोई मिशन या विजन नहीं।’
प्रवर्तन निदेशालय
प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन आता है। ये एक विशेष वित्तीय जांच एजेन्सी है, जो मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े क्राइम और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन को लेकर जांच करती है। ये एजेंसी भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराधों से लड़ने के लिए जिम्मेदार है। इसका प्राथमिक उद्देश्य काले धन की उत्पत्ति और प्रसार पर अंकुश लगाना और विदेशी मुद्रा और मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम से संबंधित कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करना है।