Baramulla Lok Sabha Seat 2024: कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उमर अब्दुल्ला को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला सज्जाद लोन से है। लेकिन कश्मीर को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि पूर्व विधायक अब्दुल रशीद शेख के मैदान में आने से ये मुकाबला अब त्रिकोणीय हो गया है। कश्मीर के लिए ये चुनाव काफी अहम हैं। क्योंकि आर्टिकल 370 के हटने के बाद सूबे में पहली बार चुनाव हो रहे हैं। बारामूला सीट पर 17.37 लाख मतदाता हैं। यहां पर 14 उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
बारामूला लोकसभा सीट का इतिहास-
1952: बारामूला लोकसभा सीट का पहला चुनाव 1952 में हुआ था, जिसमें शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत हासिल की।
1967: यह सीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खाते में गई, जब कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की।
1980: इस अवधि में भी कांग्रेस का प्रभाव बना रहा और बारामूला में उसने सफलता प्राप्त की।
1989: यह समय जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक अस्थिरता का था, लेकिन फिर भी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपना प्रभुत्व बनाए रखा।
1996: लंबी अस्थिरता के बाद, 1996 के चुनाव में बारामूला सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मोहम्मद शफी बीग ने जीत दर्ज की।
1999: इस साल फिर से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत हासिल की।
2004: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने इस सीट पर पहली बार जीत हासिल की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच एक नया राजनीतिक खिलाड़ी उभर रहा है।
2009: बारामूला से नेशनल कॉन्फ्रेंस के शरद कुप्पर ने जीत दर्ज की।
2014: पीडीपी के उम्मीदवार मुजफ्फर हुसैन बेग ने इस सीट पर जीत हासिल की, जो पहले भी राज्य के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं।
2019: नेशनल कॉन्फ्रेंस के मोहम्मद अकबर लोन ने यह सीट जीती।
उमर अब्दुल्ला का राजनीतिक सफर (Baramulla Lok Sabha Seat 2024)
उमर अब्दुल्ला का जन्म 10 मार्च 1970 को हुआ था। वे जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख नेता फारूक अब्दुल्ला के बेटे हैं। उनका राजनीतिक सफर 1998 में शुरू हुआ जब उन्होंने बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। उन्होंने अपने दादा शेख अब्दुल्ला और पिता फारूक अब्दुल्ला की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया।
- 1998: उमर अब्दुल्ला पहली बार बारामूला लोकसभा सीट से सांसद बने।
- 1999: उन्हें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया।
- 2001: वे विदेश मामलों के राज्य मंत्री बने।
- 2002: उमर अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला।
- 2009: उमर अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री का पद संभाला। उनका मुख्यमंत्री कार्यकाल 2009 से 2015 तक रहा।
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