दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने खुलासा किया है कि संसद सुरक्षा उल्लंघन के मामले में मास्टरमाइंड ललित झा ने दिल्ली आने से पहले पांच मोबाइल फोन नष्ट कर दिए थे और जांच टीम को गुमराह कर रहा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के मुताबिक ललित झा ने राजस्थान के कुचामन में भागने के बाद चार नहीं बल्कि पांच मोबाइल फोन नष्ट कर दिए।
लगातार जांच टीम को गुमराह कर रहा है मास्टरमाइंड
जांच में पता चला है कि ललित ने पहले चारों आरोपियों के फोन नष्ट किए और दिल्ली आने से पहले उसने अपना फोन भी नष्ट कर दिया। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक ललित लगातार जांच टीम को गुमराह कर रहा है। जांच टीम ने सेल्युलर कंपनी को पत्र लिखकर ललित और बाकी चार आरोपियों के बारे में जानकारी मांगी है। दिल्ली पुलिस सूत्रों ने कहा कि ललित और अन्य आरोपी पुलिस को जो कुछ भी बता रहे हैं स्पेशल सेल की टीम उसकी पुष्टि करने के लिए जमीन पर जा रही है। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने जो बयान दिए हैं उनमें से ज्यादातर पुलिस को गुमराह करने के लिए महज बातें साबित हो रहे हैं।
मास्टरमाइंड ने जलाया अपना और अपने साथियों का फोन
पुलिस सूत्रों ने बताया कि संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में पांचवें आरोपी और मास्टरमाइंड ललित झा ने राजस्थान के कुचामन भागने के बाद अपने दोस्त महेश के साथ अपने सहयोगियों के मोबाइल फोन जला दिए। घटना से पहले सभी चार आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन झा को सौंप दिए थे ताकि महत्वपूर्ण जांच विवरण पुलिस के हाथ न लग सकें क्योंकि वे अपनी गिरफ्तारी की आशंका जता रहे थे।
कुचामन में झा की मुलाकात उसके दोस्त महेश से हुई जिसने उसे रात के लिए एक कमरा दिलवाया। उन दोनों की मुलाकात फेसबुक के जरिए हुई थी जैसा कि झा ने पूछताछ के दौरान बताया। हालांकि दिल्ली पुलिस झा के सभी दावों की पुष्टि कर रही है। झा भी संसद के बाहर मौजूद थे और उन्होंने इसे प्रचारित करने के इरादे से अपने दो साथियों का वीडियो बनाया।
देश में अराजकता पैदा करना चाहता था मास्टरमाइंड
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि मास्टरमाइंड ललित झा ने खुलासा किया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के सभी आरोपी कई बार मिले और साजिश को अंजाम दिया। दिल्ली पुलिस ने झा को संबंधित न्यायाधीश के समक्ष पेश करते हुए बताया कि आरोपी ललित झा ने खुलासा किया है कि उसके सहित आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे ताकि वे सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।