पश्चिमी रेलवे के तीन कर्मचारी वसई रोड और नायगांव स्टेशनों के बीच सिग्नलिंग समस्याओं को ठीक करने के दौरान एक लोकल ट्रेन की चपेट में आने से मारे गए। मृतक रेलवे कर्मचारियों की पहचान वासु मित्रा, मुख्य सिग्नलिंग इंस्पेक्टर, सोमनाथ उत्तम लाम्बुत्रे, इलेक्ट्रिकल सिग्नलिंग मेंटेनर और सचिन वानखड़े, हेल्पर के रूप में की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि ये सभी कर्मचारी मुंबई डिवीजन के सिग्नलिंग विभाग से हैं। पश्चिमी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार तीन कर्मचारी सिग्नलिंग प्वाइंट के मुद्दों को देखने गए थे, जो सोमवार की रात को खराब हो गए थे। वे वसई रोड और नायगांव के बीच अप स्लो लाइन पर गुजर रही लोकल ट्रेन की चपेट में आ गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। अधिकारी ने कहा पश्चिम रेलवे ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
अधिकारियों के अनुसार 22 जनवरी 2024 को वे सिग्नलिंग पॉइंट के मुद्दों पर ध्यान देने गए थे, जो शाम के दौरान विफल हो गए थे। वे पास से गुजर रही लोकल ट्रेन की चपेट में आ गए और 8:55 बजे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
मंडल रेल प्रबंधक और अन्य वरिष्ठ रेलवे अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक के परिवार के सदस्यों को हर संभव सहायता प्रदान की। परिजनों को तत्काल राहत के तौर पर 55,000 रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।
अधिकारियों ने बताया “इसके अलावा अनुग्रह भुगतान और अन्य भुगतान मृतक के परिवार के सदस्यों को 15 दिनों के भीतर वितरित किए जाएंगे। सचिन वानखेड़े और सोमनाथ के परिवार को लगभग 40 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि वासु मित्रा के परिवार को लगभग 1.24 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस राशि के अलावा मृत कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को निपटान बकाया (डीसीआरजी, जीआईएस, अवकाश नकदीकरण) का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बकाया राशि के निपटान की प्रक्रिया चल रही है।‘’