केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किसानों से दिसंबर 2027 से पहले भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दालों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण के तहत अमित शाह ने आज ‘अरहर दाल’ उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद और भुगतान के लिए ‘ई-समृद्धि पोर्टल’ लॉन्च किया।
केंद्रिय मंत्री ने कहा “दाल का उत्पादन करें और कृषि क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाएं। भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि दिसंबर 2027 से पहले भारत दाल के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा।”
अमित शाह ने किसानों को आश्वासन दिया “आपकी शुरुआत कृषि के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने वाली है। यह मोदी की ओर से गारंटी है कि यदि आप भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के साथ पंजीकरण कराते हैं, तो हम आपकी दालें खरीदेंगे। अपनी दालों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीदने के लिए यह मोदी सरकार की जिम्मेदारी है। शाह ने कहा मौजूदा ‘तूर दाल’ एमएसपी दर 2014-15 में 4,350 रुपये की तुलना में 7 हजार रुपये है, जो 65 प्रतिशत की वृद्धि है।
दालों में आत्मनिर्भरता पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि किसान-केंद्रित पहल का उद्देश्य घरेलू दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने और कम करने के लिए NAFED और NCCF द्वारा खरीद, सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण के माध्यम से बेहतर कीमतों के साथ ‘अरहर दाल’ उत्पादकों को सशक्त बनाना है।
इसके तहत उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार NAFED और NCCF के पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से दालों का बफर स्टॉक खरीदा जाएगा और एमएसपी या बाजार मूल्य का भुगतान किया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा “पोर्टल पर पंजीकरण, खरीद और भुगतान की प्रक्रिया एक ही माध्यम पर उपलब्ध होगी। किसानों का पोर्टल पंजीकरण सीधे या प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी (PACS) और किसान उत्पादक संगठन (FPO) के माध्यम से किया जा सकता है। भुगतान किसानों को NAFED द्वारा सीधे उनके मैप किए गए बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा और बीच में कोई एजेंसी शामिल नहीं होगी। पूरी प्रक्रिया किसान-केंद्रित है जिसमें किसान स्वयं पंजीकरण से भुगतान तक की गतिविधियों को ट्रैक कर सकते हैं।”
यह पहल “आत्मनिर्भर भारत” अभियान का पूरक है अमित शाह ने कहा “बहुभाषी इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल https://esamrikhi.in किसानों, NAFED और संबंधित सरकारी विभागों को जोड़ेगा, बेहतर पहुंच के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा।”
गृह मंत्री ने कहा ‘तूर दाल’ खरीद पोर्टल का शुभारंभ नई हरित क्रांति की सरकार की व्यापक दृष्टि का प्रतीक है जिसमें गेहूं और चावल जैसी पारंपरिक फसलों के साथ-साथ दालें और तिलहन भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा “यह भारतीय कृषि और कृषि के लिए फायदेमंद होगा।”
पोर्टल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक और झारखंड में अरहर दाल उत्पादकों के लिए पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा, पंजीकरण, खरीद और भुगतान प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा। पोर्टल का लक्ष्य किसानों से सीधे बफर स्टॉक का 80 प्रतिशत खरीदकर आयात पर निर्भरता कम करना है। इससे न केवल खाद्य उत्पादन सुरक्षित होगा बल्कि राष्ट्र की भविष्य की खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।