जूनियर महमूद के नाम से मशहूर नईम सैय्यद दुनिया मे अब नहीं रहे। अभिनेता पेट के कैंसर से पीड़ित थे। उनका चौथा स्टेज चल रहा था और हालत काफी गंभीर थी। 67 वर्ष की आयु में वह इस दुनिया को अलविदा कह गए। अभिनेता के निधन से सिनेमा जगत को गहरा झटका लगा है। जानकारी के मुताबिक अभिनेता का निधन अपने आवास पर हुआ। उनका उपचार परेल के टाटा मेमोरियल अस्पताल से चल रहा था। लेकिन कैंसर से जंग में वे हार गए। जूनियर महमूद के निधन की पुष्टि उनके एक फ्रेंड ने की है। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर की प्रार्थना के बाद सांताक्रूज कब्रिस्तान में किया जाएगा। जूनियर महमूद ने ‘हाथी मेरे साथी’, ‘कारवां’ और ‘मेरा नाम जोकर’ सहित कई चर्चित फिल्मों में काम किया था।
18 दिन पहले कैंसर के चौथे स्टेज का पता चला
जूनियर महमूद की फैमिली ने निधन की पुष्टि की और बताया कि फोर्थ स्टेज कैंसर की वजह से वह किस दर्द से गुजरे। महमूद के बेटे हुस्नेन ने कहा “हमें उनके चौथे स्टेज के पेट के कैंसर के बारे में 18 दिन पहले ही पता चला था। हम उन्हें टाटा मेमोरियल अस्पताल ले गए। वहां के डीन ने हमें बताया कि इस स्तर पर उपचार और कीमोथेरेपी बहुत दर्दनाक होगी। अस्पताल ने सुझाव दिया था कि हम घर पर ही उनकी देखभाल करें।”
चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में करियर की शुरूआत
जूनियर महमूद ने करियर की शुरुआत साल 1967 में आई संजीव कुमार की फिल्म नौनिहाल से की थी। उस समय वे महज 11 वर्ष के थे। इसके बाद संघर्ष, ब्रह्मचारी, दो रास्ते, कटी पतंग, हाथी मेरे साथी, हंगामा, छोटी बहू, दादागिरी समेत कई फिल्मों में वे नजर आए। सबसे ज्यादा वे राजेश खन्ना और गोविंदा की फिल्मों में दिखे। जूनियर महमूद ने 60 और 70 के दशक में ढेरों फ़िल्मों में अपने दौर के बड़े बड़े कलाकारों के साथ कर एक बाल कलाकार के तौर पर काम कर अपनी अलग पहचान बनाई थी। बाद में वयस्क कलाकर के तौर पर भी उन्होंने ढेरों हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया था। मशहूर नईम सैय्यद ने चार दशक के करियर में सात भाषाओं में 250 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
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