पशुपति पारस जल्दी एनडीए से अलग हो सकते हैं। बिहार में सीट बंटवारे को लेकर नाराज चल रहे केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस आज एनडीए से अलग होने का ऐलान कर सकते हैं। आपको जानकारी दे दें बिहार में एनडीए के बीच सीटों का बंटवारा कर दिया गया, इसके तहत भाजपा को 17, जनता दल को 16 और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी को 5 सीट दी गई है। वहीं चिराग पासवान के चाचा को कोई भी सीट नहीं दी गई है।
बताया जा रहा है कि यह सब हुआ एक सीट की वजह से। पशुपति पारस एक सीट पर अड गए थे वह बार-बार वो बिहार की हाजीपुर सेट मांग रहे थे जबकि यही सेट चिराग पासवान भी मांग रहे थे आपको जानकारी दे दें हाजीपुर वही सीट है जहां से चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान नौ बार लोकसभा सांसद रहे। साल 2019 में पशुपति पारस यहां से पहली बार चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे।
हाजीपुर सीट से रामविलास पासवान की खास पहचान जुड़ी है रामविलास पासवान खुद को दलित नेता साबित करने में कामयाब रहे उन्होंने बिहार से निकलकर दिल्ली तक अपनी खास पहचान बनाई जब वह केंद्र में रेल मंत्री थे तब उन्होंने हाजीपुर में रेलवे का रीजनल ऑफिस भी खुलवाया। उनकी यही छवि काम करने वाले नेताओं की छवि में गिनी गई। लेकिन अब रामविलास पासवान इस दुनिया में नहीं हैं तो उनकी हाजीपुर सीट पर चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग ने दावा ठोक दिया पशुपति पारस यहां से मौजूदा सांसद हैं जबकि चिराग अभी जमुई सीट से सांसद हैं रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चाचा भतीजे में जंग चल रही थी। लेकिन फिलहाल यह जंग चिराग पासवान जी चुके हैं।