विश्व अचम्भित है भारत की प्रगति देखकर। ऐसा हर कोई सोच रहा है और महसूस भी कर रहा है। भारत ने जिस तरह पिछले एक दशक में प्रगति की रफ्तार पकड़ी है उससे कहीं ज्यादा तेज रफ्तार भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश ने पकड़ी है। 2017 से उत्तर प्रदेश की कमान जो मुख्यमंत्री योगी ने थामी तो प्रदेश को चेतक ही बना दिया। मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई भाजपा सरकार की प्राथमिकता अयोध्या और काशी रहे।
पर्यटन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में काशी, मथुरा, अयोध्या के अलावा हर शहर को योगी सरकार ने ऐसा बना दिया है जहां से उत्पादन बढ़ा है चाहे वो हस्तशिल्प हो या नोएडा का जेवर एयरपोर्ट। हर शहर अपनी एक नई कहानी लेकर विश्व को आमंत्रित कर रहा है। विश्व के कोने कोने से उत्तर प्रदेश के लिए अब नजरिया ही लोगों का बदल गया है। प्रत्येक शहर एक नए रुप रंग में निखर कर युवा बन गया है। युवा जिसके पास बल, पौरुष और स्वयं को उन्नत बनाने का एक नया दृष्टिकोण झलकता है। जिसमें चेतनता, नवीनता और उमंग की कोई कमी नहीं है। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के कोने कोने को सजाने का काम शुरु कर दिया है। जिसकी झलक स्पष्ट रुप से दिख रही है। योगी सरकार की इन नीतियों के आधार पर आने वाले कुछ सालों में योगी सरकार की रणनीतियां उत्तर प्रदेश को हर दृष्टिकोण से उत्तम बनाने में पूर्णरुपेण सक्षम साबित होने का आसार नजर आते हैं।
उत्तर प्रदेश में यूं तो अनेकों धार्मिक स्थल हैं, सबसे बड़ा राज्य है 80 लोकसभा सींटें और 403 विधानसभा सींटों के साथ उत्तर प्रदेश तनकर खड़ा रहता था। पर जब बात रोजगार, प्रगति और विकास की होती थी तो स्वयं को पिछड़ा महसूस करता था। पर सबका एकदिन आता है। जिसतरह काशी के विश्वनाथ बाबा का अयोध्या के रामलला का का आया और आज धार्मिक और वैश्विक दृष्टिकोण से बनारस और अयोध्या शीर्ष पर हैं। पर्यटक विश्व के कोने कोने से आते ही थे पर पर्यटकों की संख्या में जो इज़ाफा हुआ है वह आंकड़ों से स्पष्ट हो जाता है। आंकड़े के मुताबिक, 2012 में घरेलू पर्यटकों की संख्या 16.94 करोड़ थी जबकि 2022 में घरेलू पर्यटकों की संख्या 31.70 करोड़ पहुंच गई। पर्यटन इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि कोरोना काल के दो साल बहुत बेचैन करने वाले थे। उसका असर अभी तक दिख रहा है लेकिन घूमने-फिरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
उत्तर प्रदेश में आगरा ही इकलौता शहर है जहां विदेशी सैलानी सबसे ज्यादा आते हैं।आगरा का मुकाबला कोई जिला नहीं कर
सकता था। पिछले दस वर्ष में हमेशा विदेशी पर्यटकों के मामले में आगरा सबसे आगे रहा। विदेशी पर्यटकों के मामले में काशी (वाराणसी) हमेशा से दूसरे नंबर पर रहता था। यहां 2012 में 2.78 लाख तो 2022 में 83,741 लोग पहुंचे। इन दोनों शहरों के आगे प्रदेश का कोई शहर नहीं टिकता। पर्यटन विभाग के अनुसार, एक साधारण शहर से एक पसंदीदा धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में अयोध्या का भाग्य बदलना 2021 से स्पष्ट रूप से स्पष्ट हो गया है, जब 1.57 करोड़ घरेलू पर्यटकों ने मंदिर शहर का दौरा किया। 2022 में जैसे-जैसे राम मंदिर का निर्माण आगे बढ़ा, अयोध्या में घरेलू पर्यटकों की संख्या भी काफी बढ़ गई। जिससे यहां के स्थानीय़ निवासियों को रोजगार के साथ साथ अयोध्या की प्रगति पर भी गौरवान्वित होने का अवसर प्राप्त हुआ है। जिसके मूल रुप से श्रेय योगी मोदी की सरकार को जाता है।
घरेलू पर्यटन के मामले में काशी तेजी से बढ़ रहा है। 2022 में 7.12 करोड़ से ज्यादा लोगों ने काशी का दौरा किया। प्रयागराज
2.55 करोड़, अयोध्या 2.39 करोड़, वृंदावन 1.76 करोड़, आगरा 94 लाख, मथुरा 89 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे।इस बीच, भगवान शिव का निवास कहे जाने वाले वाराणसी में 13 दिसंबर, 2021 को पूर्ण परिवर्तन देखा गया जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 339 करोड़ रुपये की काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना का उद्घाटन किया।
काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के उद्घाटन से पहले, 2021 में कुल 30,75,913 घरेलू पर्यटकों और 2,566 विदेशियों ने वाराणसी का दौरा किया था। लेकिन 2022 में, इस संख्या में भारी वृद्धि हुई जब अधिकारी के अनुसार, काशी में 7.11 करोड़ घरेलू पर्यटक और 83,741 विदेशी पर्यटक आए।
पर्यटन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में काशी, मथुरा, अयोध्या के अलावा हर शहर को योगी सरकार ने ऐसा बना दिया है जहां से उत्पादन बढ़ा है चाहे वो हस्तशिल्प हो या नोएडा का जेवर एयरपोर्ट। हर शहर अपनी एक नई कहानी लेकर विश्व को आमंत्रित कर रहा है। विश्व के कोने कोने से उत्तर प्रदेश के लिए अब नजरिया ही लोगों का बदल गया है। प्रत्येक शहर एक नए रुप रंग में निखर कर युवा बन गया है। युवा जिसके पास बल, पौरुष और स्वयं को उन्नत बनाने का एक नया दृष्टिकोण झलकता है। जिसमें चेतनता, नवीनता और उमंग की कोई कमी नहीं है। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के कोने कोने को सजाने का काम शुरु कर दिया है। जिसकी झलक स्पष्ट रुप से दिख रही है। योगी सरकार की इन नीतियों के आधार पर आने वाले कुछ सालों में योगी सरकार की रणनीतियां उत्तर प्रदेश को हर दृष्टिकोण से उत्तम बनाने में पूर्णरुपेण सक्षम साबित होने का आसार नजर आते हैं।