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मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत, कतर की जेल में बंद भारत के पूर्व नौसैनिक हुए रिहा

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मोदी सरकार को कतर मामले को लेकर बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया, कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौं सेना के पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया गया है। उनमें से सात अधिकारी भारत लौट आए हैं।

आखिरकार कतर की जल में बंद भारतीय नौ सेना के अधिकारियों को 18 महीने बाद रिहा कर दिया गया। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि 8 अधिकारियों में से 7 भारत लौट चुकें हैं। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा ‘भारत सरकार उन आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है जो दाहरा ग्लोबल कंपनी में कार्यरत थे और जो क़तर में हिरासत में थे। आठ में से सात लोग भारत लौट चुके हैं। इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को लेकर कतर के अमीर द्वारा लिए गए फ़ैसले का भारत सरकार स्वागत करती है।’

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इससे पहले मौत की सजा को कम करते हुए जेल में बदल दिया गया था। तब फैसले को लेकर कहा गया था, ‘हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं।’ पीएम मोदी ने दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के दौरान कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात की और द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले भारतीय समुदाय की भलाई की चर्चा की थी।

क्या था मामला ?

कतर की सरकार ने आधिकारिक तौर पर इन भारतीयों को हिरासत में लेने की कोई वजह नहीं बताई थी। लेकिन स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़ गिरफ़्तार किए गए भारतीय सैनिकों पर दोहा में काम कर रहे एक सबमरीन प्रोजेक्ट की जानकारियाँ इज़राइल से साझा करने का आरोप है। जेल से रिहा हुए ये भारतीय नौसैनिक दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ एंड कंसल्टिंग सर्विसेज़ में काम करते थे। ये कंपनी सबमरीन प्रोग्राम में क़तर की नौसेना के लिए काम कर रही थी। पिछले साल क़तर ने कंपनी को बंद करने का आदेश दिया था और इसके लगभग 70 कर्मचारियों को पिछले साल ही मई के अंत तक देश छोड़ने का निर्देश दिया गया था। इनमें ज़्यादातर भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मचारी थे।

इन पूर्व नौ सैनिकों को किया था गिरफ्तार

जिन भारतीयों को गिरफ़्तार किया गया था उनमें कमांडर (रिटायर्ड) पूर्नेंदु तिवारी, कैप्टन (रिटायर्ड) नवतेज सिंह गिल, कमांडर (रिटायर्ड) बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन (रिटायर्ड) सौरभ वशिष्ठ, कमांडर (रिटायर्ड) सुग्नाकर पकाला, कमांडर (रिटायर्ड) अमित नागपाल, कमांडर (रिटायर्ड) संजीव गुप्ता, और सेलर रागेश शामिल थे।


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