केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 76वें सेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में लखनऊ छावनी में आयोजित सैन्य और युद्ध प्रदर्शन ‘शौर्य संध्या’ को संबोधित करते हुए बोले कि भारतीय सेना न केवल परंपरा पर ध्यान केंद्रित कर रही है बल्कि नए नवाचारों और विचारों के माध्यम से सकारात्मक बदलाव भी ला रही है। सेना को लगातार ड्रोन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा संचालित आधुनिक हथियारों/प्रौद्योगिकियों से लैस किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, नागरिक आमंत्रित लोग और अन्य वरिष्ठ सैन्य कर्मी मौजूद थे। कार्यक्रम में सेना ने लड़ाकू भूमिका में ड्रोन की ताकत का प्रदर्शन किया और दिखाया कि कैसे इसका इस्तेमाल दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है।
स्थिर प्रदर्शन में आकाश मिसाइलें, K9 वज्र, एंटी-ड्रोन उपकरण, बोफोर्स बंदूकें, तोपखाने हथियार प्रणाली और भारतीय सेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य उपकरण और तकनीक शामिल थे। 12 भारतीय सेना के जवानों द्वारा 8,000 फीट की ऊंचाई से युद्ध मुक्त गिरावट को अंजाम दिया गया। ‘शौर्य संध्या’ के दौरान एसयू-30 एमकेआई, सूर्य किरण एरोबेटिक टीम और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टरों ने आसमान को जगमगा दिया।
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने भारतीय सैनिक के अद्वितीय चरित्र के बारे में बात की, जो देश के सांस्कृतिक मूल्यों में निहित है।
उन्होंने देशभक्ति, साहस, मानवता और भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा को एक सैनिक के चार सबसे महत्वपूर्ण गुण बताया।
उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि भारतीय सेना न केवल परंपरा पर ध्यान केंद्रित कर रही है बल्कि नए नवाचारों और विचारों के माध्यम से सकारात्मक बदलाव भी ला रही है। उनका विचार था कि परंपरा को जड़ता की स्थिति में स्थापित नहीं किया जा सकता; इसे निरंतर प्रवाहित होना चाहिए और बदलते समय के अनुसार ढलना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का सेना/नौसेना/वायु सेना दिवस को दिल्ली के बाहर आयोजित करने का निर्णय देश की परंपरा के प्रतीक, साथ ही सैन्य प्रगति के प्रतीक समारोह को लोगों तक ले जाने के विचार पर आधारित है। “देश अब देख रहा है कि कैसे हमारी सेना लगातार ड्रोन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा संचालित आधुनिक हथियारों/प्रौद्योगिकियों से लैस हो रही है, साथ ही सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका भी बढ़ रही है। हर व्यक्ति को सेना में शामिल होने का अवसर नहीं मिलता है, लेकिन जिन लोगों ने आज का कार्यक्रम देखा, वे राष्ट्र की रक्षा के लिए हमारी सेना की तैयारियों का अनुभव करने में सक्षम हुए। इससे लोग हमारे सैनिकों के करीब आए हैं। यह निश्चित रूप से हमारे युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने या उसी समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार न केवल सेवारत सैनिकों, बल्कि पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। चाहे ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना हो या स्वास्थ्य देखभाल और पुनः रोजगार के अवसर प्रदान करना, दिग्गजों की भलाई के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।