भारतीय जनता पार्टी के नेता नितेश राणे ने आज विधानमंडल सत्र के दौरान नासिक में सलीम कुत्ता के साथ कुछ तस्वीरें दिखाकर उद्धव ठाकरे समूह के पदाधिकारी सुधाकर बडगुजर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। नागपुर में भाजपा नेता नितेश राणे ने कहा, उनके पास एक पार्टी की वीडियो है, जिस पर गहन जांच किए जाने की जरूरत है। राणे ने पूर्व सीएम उद्धव और शिवसेना नेताओं को आतंकियों के साथ कथित करीबी को लेकर भी कठघरे में खड़ा किया। राणे ने कहा, महाराष्ट्र के गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच की घोषणा की है। जो जल्द ही जांच शुरू करेगी।
राणे ने सलीम कुट्टा के साथ बडगुजर की तस्वीरें दिखाईं और शिवसेना (यूबीटी) नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
“यदि राजनीतिक नेता स्वयं को आतंकवादियों से जोड़ते हैं, तो हमारा राज्य और देश सुरक्षित नहीं रहेगा।”
सलीम को उस साजिश में भाग लेने का दोषी पाया गया जिसके परिणामस्वरूप 1993 के सिलसिलेवार विस्फोट हुए और विस्फोटक और गोला-बारूद वितरित किया गया।
विपक्ष का आरोप
राणे के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि दाऊद इब्राहिम हमारे देश का वांछित अपराधी और आतंकवादी है। जो भी उसके साथ है वह देशद्रोही है। बीजेपी को फोटो दिखाकर जांच की मांग करने का कोई अधिकार नहीं है।
एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने पूछा, अगर उनका एक दोस्त किसी गुस्से की वजह से हत्याएं कर दे तो क्या इसकी जिम्मेदारी उनकी है? अगर किसी को क्लब में कहीं डांस करते देखा गया तो क्या मैं इसके लिए भी वही जिम्मेदार होंगे?
13 दिसंबर 2023 को हुई सुरक्षा चूक में दोषी कौन?
13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक का गंभीर मामला सामने आने के बाद भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा सवालों के घेरे में हैं। विपक्षी राजनीतिक दलों का आरोप है कि उनकी अनुशंसा पर विजिटर पास पाने वाले दो लोग लोकसभा में पहुंचे। संसद की सुरक्षा में 22 साल बाद फिर लगी सेंध को लेकर विपक्ष बेहद आक्रामक है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा भी हुआ। संसद से 14 सांसदों को निलंबित भी किया गया है। विपक्ष सरकार खास तौर पर पीएम मोदी और गृह मंत्री से पूरे मामले पर जवाब मांग रहा है।
1993 का बम ब्लास्ट
12 मार्च, 1993 को मुंबई (तब बॉम्बे) सिलसिलेवार बम विस्फोटों से दहल गया था, जिसमें 257 लोग मारे गए थे, 700 से अधिक लोग घायल हुए थे और लगभग 27 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई थी। राज्य सरकार के अनुरोध पर मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था।
16 जून, 2017 को मुस्तफा दोसा और अबू सलेम सहित कई आरोपियों को इस मामले में दोषी ठहराया गया था। वांछित आतंकवादी दाऊद इब्राहिम ने कथित तौर पर हमलों की योजना बनाई थी।