Shri Krishna Janmabhoomi Dispute: मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया। इस मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से 18 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। साथ ही हिंदू पक्ष ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को श्री कृष्ण जन्म स्थान बताकर उसे हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की थी।
वहीं, शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत आपत्ति दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। अब हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गईं 18 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी।
हिंदू पक्षकारों की दलील (Shri Krishna Janmabhoomi and Shahi Eidgah Dispute)
- ईदगाह का पूरा ढाई एकड़ एरिया श्रीकृष्ण विराजमान का गर्भगृह है।
- शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के पास भूमि का कोई ऐसा रिकॉर्ड नहीं है।
- श्रीकृष्ण मंदिर तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण किया गया है।
- बिना स्वामित्व अधिकार के वक्फ बोर्ड ने बिना किसी वैध प्रक्रिया के इस भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया है।
मुस्लिम पक्षकारों की दलील (Shri Krishna Janmabhoomi and Shahi Eidgah Dispute)
- मुस्लिम पक्षकारों की दलील है कि इस जमीन पर दोनों पक्षों के बीच 1968 में समझौता हुआ है। 60 साल बाद समझौते को गलत बताना ठीक नहीं है। लिहाजा मुकदमा चलने योग्य नहीं है।
- उपासना स्थल कानून यानी प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत भी मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है।
- 15 अगस्त, 1947 के दिन जिस धार्मिक स्थल की पहचान और प्रकृति जैसी है वैसी ही बनी रहेगी। यानी उसकी प्रकृति नहीं बदली जा सकती है।
दोनों डिप्टी सीएम ने किया हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत
हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मामले में हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं। न्यायालय के आदेश से ही अयोध्या से लेकर पूरे विश्व में जय श्री राम हुआ। अब न्यायालय के माध्यम से मुझे विश्वास है कि पूरे देश और दुनिया में जय श्री कृष्णा भी होगा। एक कृष्ण भक्त के रूप में न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं।
वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि मैं कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करता हूं। यह लोगों की भावनाओं के अनुरूप है। भगवान राम और भगवान कृष्ण हमारी ‘संस्कृति, विरासत और विचारधरा हैं।