पिछले कुछ दिनों से लगातार ईडी कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में ईडी ने पिछले हफ्ते रेत खनन के मामले में तमिलनाडु के चार जिलों के कलेक्टरों को पूछताछ के लिए तलब किया था। ईडी की तरफ से समन जारी होने के बाद ये चारों उपस्थित नहीं हुए। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया।
इस मामले की सुनवाई एम. त्रिवेदी की पीठ ने की। तमिलनाडु की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अमित आनंद ने कोर्ट में दलीले पेश की। सुनवाई के दौरान कपिल ने कहा कि क्या ईडी किसी को भी किसी भी तरह से तलब कर सकती है। इसके बाद कपिल सिब्बल के सवाल का जवाब देते हुए कोर्ट ने कहा कि ईडी किसी को भी पूछताछ के लिए तलब कर सकती है।
वेल्लोर, अरियालुर, कर्नूर और तिरुचि के कलेक्टर की तरफ से सीनियर एडवोकेट ने दलीलें पेश की थी. उन्होंने कहा चारों कलेक्टर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। इसकी वजह से कलेक्टर ईडी के सामने पेश नहीं हो पाए।
वकील ने कोर्ट से कहा कि जानकारी जुटाने के लिए उन्हें वक्त चाहिए। बाद में कलेक्टरों के वकील ने कोर्ट को बताया कि ईडी ने जिनकी जानकारी मांगी है वे जिले के दूरे विभाग के है इसकी वजह से उनकी जानकारी इकट्ठा करने में समय लगेगा।
लेकिन, कोर्ट ने उनकी इस दलील को खारिज करल दिया। मामले की सुनवाई कर रही बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने चारों कलेक्टर से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए 27 फरवरी के आदेश का असम्मान को दर्शाता है। बाद में कोर्ट ने कहा कि चारों कलेक्टर को सूचना के साथ ईडी के सामने पेश होने का आदेश दिया है।