उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग हादसे के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सूबे में निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट करवाया जाएगा। इसके तहत सामरिक दृष्टि से अहम चंडीगढ़-मनाली फोरलेन के तहत निर्माणामीन सुरंगें भी शामिल रहेंगी। देशभर में करीब 29 सुरंगों का चयन किया गया है। इनमें 12 सुरंगें हिमाचल प्रदेश की हैं। इन सुरंगों की कुल लंबाई 79 किमी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और डीएमआरसी यानी दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरशन के विशेषज्ञ संयुक्त रूप से सभी सुरंगों की जांच करेंगे। निरीक्षण के बाद सात दिनों में रिपोर्ट तैयार होगी और एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी भी निर्माणाधीन सुरंग का निरीक्षण कर प्रपत्र में निरीक्षण नोट व फाइंडिंग लिखेंगे।
इसके इतर किसी जरूरी कार्य की भी टाइमलाइन का उल्लेख इसमें किया जाएगा। अकेले पंडोह बाईपास टकोली प्रोजेक्ट के तहत कुल 10 में से 8 टनलें बनकर तैयार हो गई हैं। इनमें से पांच पर यातायात चल रहा है। दो टनलों में इन दिनों खुदाई का कार्य चल रहा है। दोनों टनलों की खोदाई समानांतर चलने के साथ हर 300 से 500 मीटर पर दोनों टनलें आपस में जुड़ी हुई हैं। यदि कोई आपातकालीन स्थिति पैदा होती है तो यहां क्रॉस पैसेज टनल से होकर आसानी से दूसरी टनल के जरिये बाहर निकला जा सकता है। ऐसा प्रावधान है। इसके अलावा टनल खोदाई के दौरान एग्जॉस्ट, सुरक्षा संबंधी सभी उपकरण और एंबुलेंस उपलब्ध करवाई गई है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्माणाधीन सुरंगों के सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश जारी किए गए हैं। क्षेत्रीय अधिकारी भी सुरंग में खुद जाकर दौरा कर रहे हैं।