कभी संसद में गरजे कभी विपक्ष पर बरसे कभी पाकिस्तान को लगाई फटकार तो कभी देश के दुश्मनों को दी ललकार. जिनका कोई सानी नहीं जिनके आगे नतमस्तक थे विपक्ष के सभी नेता काल के कपाल पर लिखते थे, मिटते थे। चलते फिरते गीत नया गाते थे। ऐसे थे देश के दसवें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी।