UP PCS-J Exam: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच UPPCS की कॉपी बदली जाने और रिश्वत लेकर अभ्यर्थियों को पास करवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश लोकसेवा आयोग ने खुद इलाहाबाद हाईकोर्ट में किया है। यूपी सरकार की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया। इस मामले में अगली सुनवाई 8 जुलाई को होनी है।
PCS-J एग्जाम में अभ्यर्थियों की कॉपियां बदली
मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2022 में हुए PCS-J एग्जाम में बड़ी धांधली हुई है। जांच में सामने आया है कि परीक्षा में उपस्थित 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदली गई थीं। यूपी लोक सेवा आयोग ने कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान खुद स्वीकार किया है कि गलत कोडिंग करके कॉपियां बदल दी गई हैं। यूपी में PCS ज्यूडिशियल की परीक्षा से अधीनस्थ कोर्ट में जज बनाए जाते हैं। वहीं, आयोग के उप सचिव ने गड़बड़ी वाले कैंडिडेट्स का रिजल्ट 3 अगस्त तक दोबारा घोषित करने का हलफनामा दाखिल किया है।
PCS-J परीक्षा में धांधली को लेकर कोर्ट ने दिए निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एस डी सिंह और न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की पीठ ने छात्र श्रवण पांडेय की याचिका पर मामले की सुनवाई करते हुए इस मामले को गंभीर बताया। साथ ही लोक सेवा आयोग के चैयरमैन को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। आयोग के उप सचिव ने हलफनामे में स्वीकार किया है कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। जांच में पता लगा है कि 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदली गई हैं। अब गड़बड़ी वाले कैंडिडेट्स का रिजल्ट 3 अगस्त तक दोबारा घोषित किया जाएगा। यूपी लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत सवालों के घेरे में हैं।
क्या है पूरा मामला? (UP PCS-J Exam)
दरअसल, छात्र श्रवण पांडेय का कहना है कि वह 2022 में हुई PCS-J की मेन्स परीक्षा में शामिल हुआ था, जिसका रिजल्ट 30 अगस्त 2023 को घोषित किया गया था। श्रवण पांडेय के मुताबिक, मेन्स एग्जाम में उसे जो अंक मिले थे, उन अंक से वह बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं था। उसने सूचना के अधिकार (Right To Information) के तहत लोक सेवा आयोग से जानकारी मांगी, तो उसे 6 पेपर के अंकों की जानकारी मिली। जांच करने पर पता चला कि उसे इंग्लिश में 200 में से 47 अंक मिले हैं। इसके बाद उसने RTI के तहत सभी 6 उत्तर पुस्तिकाओं को दिखाने की मांग की।
यह भी पढ़ें- देश में बढ़ते धर्मांतरण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कही ये बड़ी बात
वहीं, उत्तर पुस्तिकाएं देखी तो पता चला कि इंग्लिश की उत्तर पुस्तिका में उसकी राइटिंग नहीं थी। इसके अलावा, हिंदी की उत्तर पुस्तिका के भी कुछ पन्ने फटे हुए थे। इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आयोग को आदेश दिया कि याची की सभी उत्तर पुस्तिकाएं कोर्ट में पेश की जाए, जिससे यह पता चल सके कि इंग्लिश की उत्तर पुस्तिका में श्रवण पांडेय की हैंडराइटिंग है या नहीं। वहीं, आयोग ने रिजल्ट के गड़बड़ी की बात को स्वीकार करते हुए रिजल्ट दोबारा घोषित करने का हलफनामा दाखिल किया है। जानकारी के मुताबिक, इस बड़ी घटना पर केवल तीन जूनियर अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। यूपी सरकार की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया।