इंडियन रेवेन्यू सर्विस में 2013 बैच के IRS अधिकारी अन्वेष ने क्रिएटिविटी के मामले में यह साबित कर दिया कि अगर आपके पास अपने सपने को पूरा करने के लिए जोश और जुनून है तो आप अपनी जिम्मेदारियों के साथ भी अपने सपने को पूरा कर सकते हैं। आपको बता दें सिविल सर्विसेज के इतिहास में अन्वेष ऐसे पहले अधिकारी हैं, जिन्होंने शास्त्रीय संगीत में ग्रेजुएशन किया है। अन्वेष को कला बचपन से ही आकर्षित करती थी। वह मात्र जब 2 साल के थे तब उन्होंने शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू कर दिया था। छोटी सी उम्र से संगीत की पढ़ाई करने के बावजूद अन्वेष ने सिविल सर्विस 2013 में बिना कोचिंग के 236 रैंक हासिल किया था।
अन्वेष ने IRS सर्विस को चुना था लेकिन कला के प्रति उनका रुझान फिर भी कम नहीं हुआ
इन दिनों अन्वेष GST पुणे में ज्वांइट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। GST चोरी की रोकथाम करने वाले डिपार्टमेंट में महत्वपूर्ण पद पर इतने व्यस्त होने के बावजूद भी इनसे जुड़ी मजेदार बात यह है कि दिन में अन्वेष ऑफिस में शिद्दत से ड्यूटी कर देशसेवा करते हैं। तो वहीं, इनका ऑफिस के बाद का वक्त क्रिएटिविटी में गुजरता है। ज्वांइट कमिश्नर अन्वेष ने अपने डिपार्टमेंट और मोदी जी के स्वच्छता अभियान से जुड़ी कई डॉक्यूमेंट्री बनाई है।
इसके अलावा वह अभी तक कई म्यूजिक वीडियो बना चुके हैं और MX Player की एक शॉर्ट फिल्म ‘सोसायटी’ में काम कर चुके हैं। इसके साथ-साथ फिल्म निर्माता नागेश कुकुनूर की वेब सीरीज ‘City of Dreams’ में भी कैमियो कर चुके हैं। और अब जल्द ही अपनी फिल्म ‘कथाकार की डायरी’ (The Tale Of Ordinary Lives) से बतौर डायरेक्टर हिन्दी सिनेमा में एंट्री करने जा रहे हैं।
फिल्म से जुड़े सवाल पर अन्वेष कहते हैं कि मैं अपनी ऑफिशयल ड्यूटी हमेशा पूरी ईमानदारी से निभाता हूं। ठीक उसी तरह ऑफिस के बाद मैने अपनी फिल्म के लिए भी बहुत मेहनत की है।
कोविड के दौरान मेरी पोस्टिंग मुंबई में थी, जब मैने इस फिल्म की राइटिंग शुरू की थी और फिर 2022 में शूटिंग शुरू हुई। ठीक एक साल मुझे फिल्म शूट करने में लगा और फिर उसके बाद जब फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन शुरू हुआ, तब मेरा ट्रांसफर पुणे हो गया। उसके बाद फिर पुणे में भी यही सिलसिला चला। मैं दिन भर ऑफिस करने के बाद शाम को फिल्म का काम करता था, यहां तक कि कई महीने तक लगातार मैं सीधा ऑफिस से स्टूडियो पहुंचता था और रात को 2 या 3 बजे वापस लौटता था और यह रूटीन करीब दो साल चला। कहते है न आप शिद्दत से मेहनत करो तो मेहनत रंग लाती है तो फिलहाल फिल्म कथाकार की डायरी’ बन कर लगभग तैयार है।
फिल्म की कहानी से जुड़े सवाल पर अन्वेष बताते हैं फिल्म में पांच कहानियां हैं और इन पांच कहानियों के किरदार मास्टर हैं, जिन्होंने जिंदगी से स्ट्रगल कर हार न मानने की ठानी है। एक कहानी ट्रांसजेंडर की है तो दूसरी कहानी एक फिल्ममेकर कैंसर पेशेंट की है, जिसका जुनून कैमरा है तीसरी कहानी एक नॉर्थ ईस्ट के स्पोर्ट्स कोच की है, जो एक राजा का बेटा है लेकिन वह उड़ीसा के आदिवासी जंगलों में बच्चों को स्पोर्ट्स सिखाता है। चौथी कहानी एक ऐसे यंग म्यूजिशियन की है, जो बॉलीवुड में काम के लिए बहुत स्ट्रगल करता है, लेकिन उसका म्यूजिक प्रोड्यूसर्स को पसंद नहीं आता और पांचवीं कहानी एक साल के बच्चे की है, जिसकी मां उसे छोड़कर ऑफिस जाती है। इसके अलावा, फिल्म में तीन गाने हैं। अन्वेष आगे कहते हैं मेरी फिल्म किसी स्पेशल क्लास के लिए नहीं बल्कि नॉर्मल लोगो से जुड़ी कहानिया हैं और उन्हीं के लिए डेडीकेटेड है कैसे ये पांच किरदार जिंदगी की मुश्किलों से टकराते हैं।
फिल्म रिलीज के सवाल पर अन्वेष कहते हैं कि फिल्म रिलीज की डेट अभी तय नहीं हुई है क्योंकि फिल्म में थोड़ा बहुत काम पोस्ट प्रोडक्शन में अभी भी बाकी है। रिलीज की डेट से जुड़ा डिसीजन तो प्रोड्यूसर्स का ही होगां लेकिन मैं आपको इतना बता सकता हूं। अभी तक हमने फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुछ लोगो को फिल्म दिखाई है उन्हें भी फिल्म अच्छी लगी है और मुझे उम्मीद है लोगो से जुड़ी ये कहानियां दर्शकों को जरूर पसंद आएंगी।