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आखिर कब तक मिलेगा संदेशखाली की महिलाओं को इंसाफ?

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संदेशखाली वो जगह जहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है, संदेशखाली वो जगह, जहां एक शेख महिलाओं का चीर हरण करता है। संदेशखाली वो जगह, जहां महिलाओं के मना करने पर उन्हे घर से उठवा लिया जाता है, और विडंबना तो तब हो जाती है  जब ये सब एक ऐसे राज्य में हो रहा है जहां की मुख्यमंत्री एक महिला हैं।

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में ऐसी सैकड़ों कहानियां हैं,  जहां महिलाएं अपनी आप बीती सुना रहीं हैं। इन कहानियों में सिर्फ विक्टिम बदलती हैं, आपबीती सभी की एक जैसी है। नॉर्थ 24 परगना जिले में आने वाला संदेशखाली ममता बनर्जी की पार्टी TMC के नेता शाहजहां शेख का एरिया है।  शाहजहां और उसके दो साथियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर आरोप है कि वो महिलाओं का गैंगरेप कर रहे थे। इस केस में शिबू हाजरा और उत्तम सरदार समेत 18 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शाहजहां शेख अभी फरार है। शाहजहां की गिरफ्तारी न होने पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को हैरानी तक जताई  और कहा कि जो व्यक्ति इस समस्या का मूल कारण बताया जा रहा है, उसे अब तक पकड़ा क्यों नहीं जा सका है। खैर हाईकोर्ट की इतनी सख्त टिप्पणी के बाद भी अब तक शाहजहां शेख फरार ही चल रहा है।

इस पूरे मामले में शाहजहां शेख पर आरोप लगाने वाली महिलाओं से जब बात की गई तो एक-एक करके महिलाओं ने अपनी आप बीती सुनाई  जो दिल को चीर देने वाली थी। महिलाएं बताती हैं, ‘शाहजहां शेख के लोग जबरदस्ती पार्टी ऑफिस में बुलाते थे। यहां पार्टी की मीटिंग होती थी, जिसमें गांव के सभी लोगों को जाना होता है। जो नहीं जाता, उसके साथ वो मारपीट करते थे। मीटिंग के बाद मर्दों को घर भेज देते थे, औरतों को वहीं रोक लेते थे, उनके साथ गलत हरकतें करते थे। कोई महिला ऑफिस आने से मना करती, तो उसके पति को उठा लेते थे। ये सब हकीकत है जो ये महिलाएं बयां कर रही हैं।

दरअसल ये विक्टिम महिलाएं 7 फरवरी से संदेशखाली के पात्रोपाड़ा में प्रदर्शन कर रही हैं। वो नारे लगाती हैं, शाहजहां शेख, छोड़बो न, छोड़बो न और इंसाफ की मांग करती हैं लेकिन उन्हे इंसाफ कब मिलेगा उसकी कोई तारीख तय नहीं क्योकि अभी तो जुर्म करने वाला ही फरार है तो इंसाफ तो दूर की बात है।

फिलहाल शाहजहां शेख के बारे में कहा जाता है कि वो TMC का डिस्ट्रिक्ट लेवल का नेता है।  राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को उसके घर रेड की थी, तब शाहजहां के 200 से ज्यादा सपोर्टर्स ने टीम पर अटैक कर दिया था तब अफसरों को जान बचाकर भागना पड़ा।  उल्टा पश्चिम बंगाल पुलिस ने ED के अफसरों पर केस दर्ज कर लिया तभी से शाहजहां शेख फरार है।  हालांकि, संदेशखाली के लोगों का कहना है कि वो कहीं नहीं गया, यही हैं  लेकिन अभी शाहजहां शेख का कोई अता पता नहीं है।

फिलहाल मामला बढ़ने पर पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है। CID में तैनात DIG सोमा दास मित्रा इसे लीड कर रही हैं। टीम की बाकी मेंबर भी महिलाएं हैं।  ये टीम पीड़ित महिलाओं से बात कर रिपोर्ट बनाएगी। उनकी आपबीती सुनेगी, ताकि सभी फैक्ट इकट्ठे हो सकें। साथ ही SIT ने महिलाओं से मुलाकात की है। हालांकि, महिलाओं का आरोप है कि टीम हमसे एक ही सवाल कई बार करती है। उनका ध्यान हमारी आपबीती जानने से ज्यादा इस बात पर है कि हमें अपनी बातों में उलझा लें।

खैर ये वो महिलाएं हैं जो बार बार अपनी आप बीती सुना रहीं हैं और बता रहीं है कि हर कोई बस बार बार उनसे सवाल कर रहा है लेकिन इंसाफ की बात कोई नहीं कर रहा। फिलहाल ये कहा जा रहा है कि  अब तक सेक्शुअल हैरेसमेंट की सिर्फ एक FIR हुई है।  हालांकि, अब तक करीब 30 शिकायतें सामने आ चुकी हैं। नेशनल वुमन कमीशन की अध्यक्ष रेखा शर्मा 19 फरवरी को संदेशखाली पहुंची थीं। उसी दिन ये सभी शिकायतें हुई।

फिलहाल इस मुद्दे ने बंगाल की राजनीति को ही नहीं बल्कि देश की राजनीति को भी गर्म कर दिया है क्योकि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच से परमिशन मिलने के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी मंगलवार को संदेशखाली पहुंचे थे। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सोमवार को शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की इजाजत दी थी। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि महिलाओं के अनुभव रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं, उनकी जमीनें हड़प ली गईं, उनका शोषण किया गया और सब कुछ पुलिस-प्रशासन की मदद से हुआ। यहां की स्थिति भयावह है और अराजकता का उदाहरण है। ये सब हकीकत है जो ये महिलाएं बयां कर रही हैं।

और जैसे ही शुभेंदु अधिकारी ये कहते हैं,  ममता बनर्जी का बयान भी सामने आ जाता है।  ममता बनर्जी ने BJP पर आरोप लगाया कि वो संदेशखाली की महिलाओं को भड़का रही है। एक पब्लिक मीटिंग में उन्होंने कहा कि महिलाओं ने एक भी FIR नहीं लिखवाई है।  इन महिलाओं को BJP भड़का रही है  जिसके बाद दोनों पार्टियों की तरफ से आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया। फिलहाल जब हमने संदेशखाली की और घटनाओं को खंगालने की कोशिश की तो पता चला की संदेशखाली में ऐसे पहले भी घटना हो चुकी है।

पहले भी आए है ऐसे मामले

दरअसल संदेशखाली की तरह ही एक मामला अप्रैल, 2022 में भी हुआ था। तब नदिया जिले में 14 साल की एक बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। सामूहिक दुष्कर्म के बाद बच्ची की मौत हो गई थी। इस केस में TMC से जुड़े गांव के उप-सरपंच का बेटा आरोपी था। पुलिस ने मामले को ऑनर किलिंग का एंगल दे दिया था। तब CM ममता बनर्जी ने बच्ची के गैंगरेप से पहले ही प्रेग्नेंट होने का दावा किया था। तब इतना बड़ा आंदोलन नहीं हुआ, लेकिन इस बार महिलाएं गुस्से में हैं और जल्द से जल्द शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं।

कौन है शाहजहां शेख

कहा जाता है कि पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में शाहजहां की पहचान मछुआरों के लीडर, कारोबारी, डॉन और जमीन माफिया की है।  नॉर्थ 24 परगना में विधायक और सांसद से ज्यादा पॉपुलर शाहजहां शेख है। वह 1999 में सवारी ढोने वाली गाड़ी में कंडक्टर का काम करता था।  इसी दौरान लोकल मार्केट में सब्जियां भी बेची,, कुछ दिन बाद शाहजहां गुंडा बन गया।  जमीन के सौदे करने लगा। शाहजहां के चाचा CPI (M) के लोकल लीडर थे, उनकी मदद से वो पॉलिटिक्स में आ गया।  जरूरतमंदों की मदद करने की वजह से लोग उसे पसंद करने लगे। सैकड़ों लड़कों को मोबाइल और बाइक देकर उसने अपने सिंडिकेट में शामिल कर लिया। 2011 में शाहजहां शेख ने CPI (M) छोड़ दी और TMC में शामिल हो गया। इसी दौरान वो ममता सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी बना। इलाके में शाहजहां का इतना दबदबा था कि लोग आपसी झगड़े और जमीन के विवाद सुलझाने उसके पास आने लगे। शाहजहां शेख के खिलाफ हत्या, आगजनी, लूटपाट और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के 40 से ज्यादा केस दर्ज हैं। उसके खिलाफ जमीन हड़पने की शिकायतें भी हैं।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सत्ता में बैठ कर कुछ भी किया जा सकता है। सवाल उठता है कि राज्य में एक महिला सीएम होने के बावजूद ऐसा कैसे हुआ और आखिर कब तक इन महिलाओं को इंसाफ मिलेगा  क्योकि वक्त वक्त पर महिलाओं के साथ चीरहरण तो होता रहा है। लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाया और एक बार फिर वही हुआ और फिर वही इंसाफ की गुहार है, लेकिन इंसाफ कब तक मिलेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं।


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