Uttarakhand Forests Fire: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है। आग की लपटें नैनीताल की हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गई हैं, जिसके बाद सेना को बुलाया गया है। इससे पहले, शुक्रवार को जखोली और रुद्रप्रयाग के दो अलग-अलग इलाकों में जंगल में आग लगाने की कोशिश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
आग की चपेट में आया आईटीआई भवन
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, नैनीताल भवाली रोड पर पाइंस के जंगलों में आग लग गई। आग की चपेट में आईटीआई भवन भी आ गया है। नैनीताल के लड़ियाकांटा क्षेत्र के जंगल में भी आग लग गई है। इससे धुआं छाया हुआ है। यातायात बाधित हो गया है। मौके पर पहुंची दमकल विभाग को तेज हवाओं के कारण आग बुझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। सेना के जवान भी आग बुझाने के काम में जुटे हुए हैं।
हेलीकॉप्टर से होगी आग बुझाने की कोशिश
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रशासन अब हेलीकॉप्टर के जरिए नैनीताल और भीमताल झील से पानी लेकर आग बुझाने की कोशिश करेगा। आग नैनीताल से लेकर कुमाऊं के जंगलों तक फैली हुई है। नैनीताल के ज्योलिकोट, देवीधुरा, भवाली, बलदियाखान, मंगोली, पाईनस, खुरपाताल और भीमताल मुक्तेश्वर समेत आसपास के जंगलों में आग लगी हुई है।
हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंची जंगल में लगी आग
नैनीताल जिला मुख्यालय के पास जंगल में लगी आग पाइंस क्षेत्र स्थित हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गई है। आग ने एक खाली घर को भी अपनी चपेट में ले लिया है। हालांकि, कॉलोनी को अभी तक कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। आग बुझाने की कोशिश जारी है। आग को देखते हुए नैनी झील मे नौकायन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
14 लाख रुपये से अधिक का नुकसान
बता दें कि पिछले साल एक नवंबर से अबतक उत्तराखंड में आग लगने की कुल 575 घटनाएं हुई हैं। इससे 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। इसके साथ ही, राज्य को 14 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
अलर्ट मोड पर सीएम धामी
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी विभागों को आपस में समन्वय करके आग को रोकने के लिए जरूरी उपाय करने को कहा। बता दें कि पिछले 24 घंटे में कुमाऊं क्षेत्र में आग लगने की 26 घटनाएं हुई हैं। वहीं, गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं हुईं, जिससे 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ।