Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं है गुरुवार देर रात उसकी मौत हो गई लेकिन क्या आप जानते हैं 1980 के दशक में मुख्तार अंसारी एक अच्छा क्रिकेट रहा है। उसके जमाने में उसके इलाके में उसकी क्रिकेट की बड़ी तारीफ होती थी उसकी गिनती अच्छे खिलाड़ियों में होती थी। लेकिन, फिर क्रिकेटर से मुख्तार अंसारी डॉन कैसे बन गया! इसके पीछे की एक कहानी है।
बताया जाता है साल 1980 के दशक में मुख्तार अंसारी ने साधु और मुकन को अपना गुरु मानकर जरायम जगत की बारीकियां को समझा और फिर धीरे-धीरे अपना गैंग खड़ा कर लिया। इसके बाद वह बन गया माफिया सरगना।
गाजीपुर के पीजी कॉलेज से सनातन कर रहा मुख्तार अंसारी कभी क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ियों में शामिल था। लेकिन, उसकी गलत संगत में उसे गंदगी की राह पर धकेल दिया। बाहुबली से बनाई गई सिया से जमीन पर मुख्तार अंसारी लगातार पांच बार विधायक चुना गया। लेकिन, पिछले 18 साल और 6 महीने से वह जेल में बंद रहा जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
साल 1997 में मुख्तार अंसारी का अंतरराज्यीय गिरोह(आईएस- 191) पुलिस डोजियर में दर्ज किया गया 25 अक्टूबर 2005 को मुख्तार अंसारी जेल की सलाखों के पीछे बंद किया गया। एक बार वह जेल की सलाखों के पीछे गया तो फिर कभी बाहर ही नहीं आया।
मछलियां खाने का मन हुआ तो जेल में ही खुदवा दिया था तालाब
मुख्तार अंसारी की दबंगई का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि उनकी दबंगई कुछ ऐसी थी मछलियां खाने के लिए उन्होंने गाजीपुर जेल में तालाब खुदवा दिया था। साल 2005 की बात है मऊ में हिंसा भड़काने के बाद मुख्तार अंसारी ने सरेंडर किया था जिसके बाद उसे गाजीपुर जेल में रखा गया। उस वक्त मुख्तार अंसारी विधायक था। इसी दौरान मुख्तार अंसारी को मछलियां खाने का शौक हुआ तो उसने जेल में ही तालाब खुदवाया दिया था, कहा जाता है कि उसने ताजी मछलियां खाने के लिए जेल में तालाब खुदवाया था और राज्यसभा सांसद और पूर्व डीजीपी बृजलाल ने इस बात को स्वीकार किया था।