उत्तर प्रदेश में करीब 13 हजार अवैध मदरसे संचालित है, ये दावा किया गया है एसआईटी की एक रिपोर्ट में। साथ ही एसआईटी ने इन मदरसों के बारे में कई चौंकाने वाली बातें कही हैं। एसआईटी की रिपोर्ट के बाद उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दयाशंकर मिश्रा ने इस पर प्रतिक्रिया दी। इस मामले पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि कि सरकार इस पर कड़ी कार्रवाही करेगी। एसआईटी की जांच में जो तथ्य निकलकर सामने आए है। कहीं न कहीं बहुत ही विचार करने योग्य है।
दयाशंकर मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के एक मुहिम चलाई थी कि जिसके तहत मदरसों में धर्म की पढ़ाई के साथ कपंयूटर व अन्य विषयों की भी पढाई होनी चाहिए। जिससे कि किसी के प्रति किसी भी प्रकार की भ्रम ना हों। जिस प्रकार अवैध मदरसों के बारे में एसआईटी की जो जांच सामने आई है। उस पर कड़ी कार्रवाही की जाएगी। पूर्ववर्ती सरकारों ने मदरसों को कई तरह से मनमानी करने के लिए बढ़ावा दिया था। लेकिन योगी सरकार इन चीजों के लिए कि मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों का बहुत अच्छा भविष्य हो, वहां की पढ़ाई व्यवस्था में सुधार हो और आधुनिक विषयों की पढ़ाई की जाए, ये सरकार पहली की प्राथमिकता है। उत्तर प्रदेश में भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में 13 हजार अवैध मदरसे संचालित पाए गए है। एसआईटी की सर्वे रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि ‘यह रिपोर्ट बैहद आश्चर्यचकित करने वाली है।इन मदरसों के लिए कहा से पैसा आया ऐर किसने इतना बड़ा दान दिया भारत-नेपाल सीमा पर यह मदरसे रातों-रात कैसे बन गए। इन सभी मदरसों में क्या पढ़ाया जाता है? अवैध मदरसों में भारत के टुकड़े-टुकड़े और हिंदुत्व के प्रति विद्रोह करने की साजिश के हिस्से हैं। दयाशंकर मिश्रा ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि ऐसे अवैध मदरसों को जल्द से जल्द बंद करना चाहिए। इन मदरसों में क्या पढ़ाया जाता है। इन सबकी जानकारी सरकार के पास होनी चाहिए।