उपराज्यपाल वी के मलहोत्रा के वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा करने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को एक खत भी लिखा जिसमें उनसे पूछा था कि क्या दिल्ली वालों का गंदा पानी पीने को दिया जा रहा है। इसी सिलसिले में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने हरियाणा सरकार पर आरोप मढ़ते हुए बोला कि हरियाण से पानी नहीं बल्कि रसायन आ रहा है और इसे ट्रीट नहीं कर सकते हैं। मशीनें भी खराब हो रही हैं।
उपराज्यपाल वजीराबाद गए थे उन्हें दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने ब्रीफ किया कि यहां पर हरियाणा की तरफ से यमुना में जो भी पानी आ रहा है वह यमुना का पानी है ही नहीं। वह पानीपत और सोनीपत का इंडस्ट्रियल वेस्ट है उसमें अमोनिया की मात्रा काफी ज्यादा होती है। ये एक तरह से रसायन है। इसे हम ट्रीट करके दिल्ली वालों को नहीं दे सकते। यह पानी किसी लायक नहीं होता है। इससे वाटर ट्रीटमेंट सिस्टम खराब होता है और मशीनें खराब हो जाती हैं।
एलजी ने यह कोई नई बात नहीं बताई है। यह मैं चार दिन पहले वहां जाकर बता चुका हूं कि दिल्ली में दूषित पानी आ रहा है। मैंने मीडिया को भी दिखाया था कि किस तरह यमुना के पानी को इलीगल सैंड माइनिंग के कारण हरियाणा में ही रोका गया है। यह गूगल मैप में भी साफ नजर आ रहा है। मेरा एलजी से निवेदन है कि जिस समय भी वे कहें कल या परसो या जब भी मैं उनके साथ हरियाणा के सोनीपत,पानीपत और यमुनानगर तक जाने के लिए तैयार हूं। वहां साफ दिखेगा कि हजारों ट्रक इलीगली सैंड माइनिंग कर रहे हैं। वे खुद अपनी नजरों से देखें और फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ इसपर चर्चा करें कि वहां यमुना में इलिगल सैंड माइनिंग बड़े पैमाने पर में चल रही है और हरियाणा सरकार ने आंख बंद कर रखी है।
अगर सकारात्मक पहल की जाती है तो उसके नतीजे निकलते हैं। एलजी केंद्र सरकार द्वारा नॉमिनेटेड हैं, तो उनकी भाजपा की सरकार ज्यादा सुनेगी। वे अगर कुछ सकारात्मक करना चाहते हैं तो हम इसके लिए तैयार हैं। एलजी को अगर यह लगता है कि अधिकारियों ने गड़बड़ी की है तो उनके बारे में भी अगर एलजी कहें तो हम कार्रवाई के लिए तैयार हैं। ऐसा नहीं है कि हम किसी अधिकारी के बचाव में खड़े हो जाएंगे जिस भी अधिकारी ने अपने काम में लापरवाही की है उसपर हम कार्रवाई करेंगे। फिलहाल केंद्र और राज्य के इस आरोप-प्रत्यारोप के चलते दिल्लीवासी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।