Swati Maliwal: सोमवार को आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके सचिव विभव कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। स्वाति ने पुलिस को सूचना दी है कि सीएम आवास में उनके साथ मारपीट हुई है, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री आवास से पीसीआर कॉल कर पुलिस को सूचना दी कि मुख्यमंत्री के कहने पर विभव कुमार ने उन्हें बुरी तरह से पीटा है। विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव ने मीडिया से बातचीत कर इस बारे में पूरी जानकारी दी है।
स्वाति ने नहीं दर्ज कराया मुकदमा
स्वाति मालीवाल ने पीसीआर कॉल कर घटना की जानकारी पुलिस को दी, लेकिन इसके बाद उन्होंने थाने जाकर मुकदमा दर्ज नहीं कराया। हालांकि, स्वाति से कई बार संपर्क कर शिकायत देने का अनुरोध किया गया। शिकायत न देने पर पुलिस मुकदमा दर्ज करेगी या नहीं, इस पर विचार किया जा रहा है।
पुलिस आयुक्त का बयान
चुनावी माहौल के बीच स्वाति मालीवाल की इस खबर ने सियासी गलियारों में सनसनी मचा दी है। विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि सोमवार सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर स्वाति मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचीं। आवास पर पहुंच कर उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलना चाहती हैं, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस बात पर सुरक्षाकर्मियों से बहस हुई।
9.31 बजे की की थी शिकायत
स्वाति ने 9:31 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। इस कॉल को कमांड रूम से 9:34 पर उत्तरी जिला पुलिस के कंट्रोल रूम में ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद 9.39 बजे पर कॉल की डीडी एंट्री हुई। कुछ समय बाद कंट्रोल रूम से दूसरी कॉल आती है, जिसमें कहा जाता है कि मुख्यमंत्री के कहने पर उनके निजी सचिव विभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की है। सूचना मिलते ही पीसीआर की टीम तुरंत आवास के बाहर पहुंच गई। स्वाति को कॉल कर बाहर आने को कहा गया, जिससे रोते हुए वह बाहर निकलीं।
ऑटो में गई शिकायत करने
पुलिसकर्मियों के कहने पर स्वाति एक ऑटो में बैठकर शिकायत देने सिविल लाइंस थाने पहुंच गईं। उन्होंने ड्यूटी थानाध्यक्ष राजीव कुमार का नंबर लेकर उन्हें आपबीती बताई। थानाध्यक्ष पांच मिनट में थाने पहुंच गए। इस बीच स्वाति के पास लगातार कॉल आ रहे थे। उन्होंने थानाध्यक्ष को बताया कि उनके पास कई मीडिया पर्सन के कॉल आ रहे हैं और उनसे बात करने के बाद वह कुछ देर में शिकायत देने आएंगी। ये कहकर वो बाहर चली गईं, लेकिन वह थाने नहीं आईं।