बीती रात जम्मू-कश्मीर में अरनिया और आरएस पुरा सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास विभिन्न स्थानों पर पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी और मोर्टार गोलाबारी में बीएसएफ के दो जवानों सहित तीन लोग घायल हो गए।
बीएसएफ ने कहा कि उन्होंने उचित तरीके से जवाबी कार्रवाई की।
लगभग ढाई साल बाद हुए अकारण संघर्ष विराम उल्लंघन के कारण कई स्थानीय लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ा। हालांकि क्षेत्र में धान की फसल कटाई के लिए तैयार है। कटाई के काम के लिए उत्तर प्रदेश से आए खेतिहर मजदूर भी सीमा पार से गोलाबारी के बाद भाग गए।
अरनिया सेक्टर में रात करीब आठ बजे शुरू हुई पाकिस्तानी रेंजरों की छोटे हथियारों से गोलीबारी जल्द ही मोर्टार गोलाबारी में बदल गई। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने शुरुआत में लगभग आधा दर्जन स्थानों को निशाना बनाया और आधी रात के आसपास उन्होंने सुचेतगढ़ सेक्टर से सटे दो से तीन स्थानों पर भी गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे इलाके में डर का माहौल बन गया है।
कई ग्रामीणों की हत्या और दोनों पक्षों की नागरिक संपत्ति के बड़े पैमाने पर विनाश के बाद बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स फरवरी 2021 में सीमा पर युद्धविराम बनाए रखने पर सहमत हुए थे। कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांति कायम रही। हालांकि 17 अक्टूबर को अरनिया सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा की गई अकारण गोलीबारी में बीएसएफ के दो जवान घायल हो गए थे।
चार दिन बाद रेंजर्स लोगों के एक समूह को अपनी ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ले गए। हालाँकि बीएसएफ ने चेतावनी देते हुए गोलियां चलाईं और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। बाद में बीएसएफ ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ एक फ्लैग मीटिंग में ऐसी घटनाओं पर विरोध दर्ज कराया।