Delhi Women Commission: दिल्ली महिला आयोग से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निकाल दिया गया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है।
स्वाति मालिवाल ने नियमों के खिलाफ जाकर की नियुक्ति
बता दें कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। आरोप है कि दिल्ली महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नियमों के खिलाफ जाकर बिना अनुमति के इनकी नियुक्ति की थी।
आयोग के पास नियुक्ति का कोई अधिकार नहीं
उपराज्यपाल ने स्वाति मालिवाल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 223 कर्मचारियोंकी नियुक्ति मामले में तत्कालीन उपराज्यपाल की कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। उनकी मंजूरी के बिना यह नियुक्ति की गई। आयोग के पास कर्मचारियों को स्वयं नियुक्त करने का कोई अधिकार नहीं है। उसे सरकार कर्मचारी मुहैया कराती हैं, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर 223 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया।
डीसीडब्ल्यू अधिनियम, 1994 का उल्लंघन
आरोप लगाया गया है कि महिला आयोग ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना 223 पद सृजित करके और कर्मचारियों को नियुक्त करके डीसीडब्ल्यू अधिनियम, 1994 के वैधानिक प्रावधानों और वित्त एवं योजना विभाग, जीएनसीटीडी के विभिन्न स्थायी निर्देशों का उल्लंघन किया है। यानी प्रत्येक पद के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की वास्तविक आवश्यकता और पात्रता मानदंड का आकलन करने के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया था। जीएनसीटीडी से कोई प्रशासनिक अनुमोदन और स्वीकृत व्यय प्राप्त भी नहीं किया गया था और न ही ऐसे पदों के लिए आवेदन औपचारिक रूप से आमंत्रित किए गए थे।
राज्यसभा सांसद हैं स्वाति मालिवाल
बता दें कि स्वाती मालिवाल इस समय राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा भेजा है। उन्होंने 31 जनवरी को राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली थी।