Delhi High Court notice to ED: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा दायर एक याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में ट्रायल कोर्ट के संज्ञान आदेश और उसके बाद न्यायिक रिमांड आदेश को चुनौती दी गई है।
सत्येंद्र जैन की डिफ़ॉल्ट जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त, 2024 को होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन और अधिवक्ता मयंक जैन दिल्ली उच्च न्यायालय में सत्येंद्र जैन की ओर से पेश हुए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र कुमार जैन की डिफ़ॉल्ट जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया था।
SC के आदेश के बाद NTA ने NEET-UG रिजल्ट का रिवाइज्ड स्कोर किया जारी
अनुच्छेद 21 के तहत आरोपी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
जैन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष इस डिफ़ॉल्ट जमानत याचिका के माध्यम से दलील दी कि ईडी वैधानिक अवधि के भीतर सभी मामलों में जांच पूरी करने में विफल रही। जैन ने आगे कहा कि अभियोजन की शिकायत, जो सभी मामलों में पूरी नहीं है, सीआरपीसी की धारा 167 (2) के प्रावधानों के तहत आवेदक को डिफ़ॉल्ट जमानत के अधिकार से वंचित करने के प्रयास में दायर की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि यह कानून की स्थापित स्थिति है कि जब जांच लंबित हो तो आरोप पत्र दाखिल करने का इस्तेमाल डिफ़ॉल्ट जमानत के अधिकार को खत्म करने के लिए नहीं किया जा सकता है। जांच पूरी होने पर ही आरोप पत्र दाखिल किया जाना चाहिए, जब जांच लंबित हो तो पीएमएलए मामले में अधूरा आरोप पत्र या शिकायत दर्ज करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आरोपी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज
बता दें, इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आवेदक एक प्रभावशाली व्यक्ति है और उसके पास सबूतों से छेड़छाड़ करने की क्षमता है। इस स्तर पर सत्येंद्र जैन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की दो शर्तों को पूरा करने के लिए नहीं माना जा सकता।
मसालों की खुशबू से महकेगी बुद्ध के महापरिनिर्वाण की धरा
वर्तमान में सत्येंद्र जैन मामले में न्यायिक हिरासत
17 नवंबर, 2022 को ट्रायल कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उन्हें 30 मई, 2022 को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वे मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की शिकायत पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्ति अर्जित की थी, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके।