Delhi water crisis: राजधानी दिल्ली में दिन-प्रतिदिन पीने की पानी समस्या बढ़ती जा रही है। इस समस्या से निजात पाने के लिए दिल्ली की सरकार अब फुल एक्शन मोड में दिखाई दे रही है। इसी बीच, दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने आज पेयजल की समस्या से निपटने के लिए हाईलेवल आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में दिल्ली जल बॉर्ड और शहरी विकास विभाग के कई अधिकारी मौजूद हैं। आप सरकार ने हरियाणा सरकार पर पानी रोकने का आरोप लगाया है।
दिल्ली में घट रहा पानी का उत्पादन
मीटिंग से पहले जलमंत्री आतिशी ने शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली में यमुना का पानी कम पहुंचने से लगातार पानी का उत्पादन घट रहा है। उन्होंने एक्स पर भी एक पोस्ट किया था कि सामान्य परिस्थिति में दिल्ली में 1005 एमजीडी पानी का उत्पादन होता है, लेकिन पिछले एक हफ्ते से यह लगातार घट रहा है। उन्होंने दिल्ली के लोगों से आग्रह भी किया कि दिल्ली के कई कौनों में पानी का स्तर घट रहा है तो पानी का प्रयोग बहुत किफायती तरीके से उपयोग करें।
आतिशी ने पेश किया आकड़ा
आतिशी ने कुछ आंकड़े साझा करते हुए कहा कि 6 जून को पानी का उत्पादन 1002 एमजीडी था, जो 7 जून को 993 एमजीडी और 8 जून को 990, 9 जून को 978 एमजीडी, 10 जून को 958 एमजीडी, 11 जून को 919, 12 जून को 951 और 13 जून को 939 एमजीडी रह गया है।
वाटर ट्रीटमेंट का होगा निरीक्षण
अब तक की मिली जानकारी के मुताबिक, आतिशी ने जल बोर्ड के आधिकारियों को आदेश दिया है कि शहरभर की सभी पाइपलाइनों को देखा जाए, जहां पर पाइपलाइन से रिसाव हो रहा है। उसे तुरंत ठीक किया जाए। आतिशी समय-समय पर अधिकारियों के साथ वाटर ट्रीटमेंट का निरीक्षण भी कर रही हैं।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार शहर भर में एडीएम और एसडीएम की टीमों द्वारा पेट्रोलिंग के जरिए सुनिश्चित कर रही है ताकि पानी भी बर्बादी को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि जल संकट के दौरान दिल्ली को कम पानी मिल रहा है, जिससे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उत्पादन घट गया है, इसलिए पानी की बर्बादी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।