इज़रायल पर हुए हमास के हमले के बाद पूरी दुनिया दो भागों में बंट गई है। एक हिस्सा इज़रायल के समर्थन में खड़ा है तो एक हिस्सा खुल कर हमास का समर्थन कर रहा है। ऐसे में एक बार फिर पूरी दुनिया पर विश्व युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। अगर इज़रायल और फिलीस्तीन के बीच छिड़ी जंग को शांत नहीं किया तो एक-एक कर तमाम दूसरे देश इस युद्ध में कूद पड़ेंगे और फिर क्या होगा ये हम सब अच्छे से जानते हैं।
बीते मंगलवार की रात हमास के नियंत्रण वाले गाज़ा शहर के एक अस्पताल पर रॉकेट से हमला हुआ था। जिसमें करीब 500 मासूम लोगों को जान गंवानी पड़ी। इस हमले ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया और सभी देशों ने इस हमले की निंदा की। अब यही हमला इज़रायल के गले की फांस बनता जा रहा है। क्योंकि हमास का खुलकर समर्थन करने वाला ईरान इस हमले के लिए इज़रायल को जिम्मेदार बता रहा है। जबकि इज़रायल के पीएम का कहना है कि ये हमला खुद हमास ने करवाया है क्योंकि वो हमें बदनाम करना चाहता है। लेकिन ईरान है कि ये बात मानने को ही तैयार नहीं। दुनियाभर के सभी मुस्लिम देशों का मसीहा बनने की होड़ में ईरान को किसी भी कीमत पर हमास का बचाव करना है तो वहीं इज़रायल को तबाहो-बर्बाद करना चाहता है। चाहे इसके लिए उसे पूरी दुनिया में जंग ही क्यों ना करवानी पड़े। यही वजह है कि ईरान पहले दिन से ही इज़रायल के खिलाफ ज़हर उगलता आया है। इज़रायल को बर्बाद करने के लिए ईरान उसे चौतरफा मार मारना चाहता है। वो किसी भी कीमत पर इज़रायल का सर्वनाश चाहता है। इसके लिए अब ईरान ने ऐसी स्ट्रैटेजी तैयार की है जिससे इज़रायल का हुक्का पानी बंद हो जाएगा। अब ईरान सभी मुस्लिम देशों को एक करके उसके ऊपर कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है।
गाज़ा के अस्पताल पर हुए हमले के बाद ईरान ने सऊदी अरब में इस्लामिल सहयोग संगठन यानि OIC की इमरजेंसी मीटिंग में इज़रायल पूरी तरह से खत्म करने की प्लानिंग की है। ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियान ने OIC के सदस्यों से ये मांग की है कि इज़रायल का हुक्का-पानी बंद किया जाए। ईरानी विदेश मंत्री ने OIC मीटिंग में कहा है कि-
1. मैंने इस्लामिक देशों से इज़रायल पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है
2. सभी मुस्लिम देशों के इज़रायली राजदूतों को निष्कासित करना होगा
3. इज़रायल के ऊपर कड़े से कड़े तेल प्रतिबंध लगाने होंगे
4. गाजा में इजरायल के युद्ध अपराधों पर वकीलों की एक टीम के गठन करना होगा
5. ईरान समेत किसी मुस्लिम देश को इजरायल के साथ सभी राजनयिक संबंध खत्म करने होंगे
दरअसल ,हमास के नियंत्रण वाले गाज़ा शहर के स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन पहले ये दावा किया था कि अल-अहली अरब अस्पताल पर हुए एक रॉकेट अटैक में 500 मासूम लोगों की मौत हुई है। वहीं इज़रायल इस हमले में अपना हाथ होने से साफ इंकार कर रहा है। इज़रायल का दावा है कि इस हमले के पीछे हमास का हाथ है। इसी बीच इज़रायली दौरे पर पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इज़रायल का समर्थन करते हुए हमले में उसका हाथ होने से इंकार किया है। बाइडन का दावा है कि इस हमले में तेल अवीव का कोई हाथ नहीं है। आपको बता दें इज़रायल फिलिस्तीन के बीच दो हफ्तों से संघर्ष जारी है।
मंगलवार रात गाजा के अस्पताल पर हुए इस हमले ने पूरे युद्ध का रुख बदल कर रख दिया है तो वहीं पूरे मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में अब फिलिस्तीन के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ये प्रदर्शन जॉर्डन में इजरायली दूतावासों के साथ-साथ तुर्की और लेबनान में अमेरिकी दूतावास के पास भी किया गया। इसके अलावा ईरान, मोरक्को, ट्यूनीशिया, यमन और इराक में भी इज़रायल के खिलाफ प्रदर्शन किए गए। फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अपने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ एक शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया और कहा कि अस्पताल विस्फोट एक भयानक युद्ध नरसंहार था और इससे इजरायल लाल रेखा को पार कर गया है। लेकिन इजरायली सेना बार-बार गाजा के अस्पताल पर हुए हमले की जिम्मेदारी से इंकार करते हुए दावा कर रही है कि गाजा में एक्टिव आतंकी संगठन हमास का ही एक रॉकेट गलती से अस्पताल पर गिरा है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि -पूरी दुनिया को पता होना चाहिए। ये गाजा के बर्बर आतंकवादियों ने किया है। हमास ने ही गाजा के अस्पताल पर हमला किया था, आईडीएफ ने नही नेतन्याहू ने कहा – जिन्होंने हमारे बच्चों की बेरहमी से हत्या की, वे अपने बच्चों की भी हत्या करते हैं।
ऐसा नहीं है कि हमास के शुरू किए हमले में सिर्फ इज़रायल को ही नुकसान हुआ है। बल्कि इज़रायल की जवाबी कार्रवाई के बाद गाज़ा में भी तबाही के मंज़र साफ देखे जा सकते हैं। गाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि 11 दिनों के संघर्ष के दौरान कम से कम 3,300 लोग मारे जा चुके हैं और 13,000 से ज्यादा लोग अस्पतालों में घायल पड़े हैं। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार रात को गाजा के अस्पताल पर हुआ हवाई हमला में 7 अक्टूबर को शुरू हुई हिंसा के बाद से अब तक सबसे खराब हमलों में से एक था। इस हमले में सैकड़ों लोग मारे गए हैं और बचावकर्मी अभी भी मलबे से शव निकाल रहे हैं। अब ये हमला किसने किया औऱ किसने नहीं इस पर बड़ी बहस जारी है। लेकिन इन सब के बीच ईरान लगातार फिलिस्तीन समेत तमाम मुस्लिम देशों को इज़रायल के खिलाफ भड़काने की हर संभव कोशिश कर रहा है. वहीं दुनियाभर में फैले यहूदी भी अब युद्ध के लिए बड़ी संख्या में अपने वतन इज़रायल वापस लौटने लगे हैं। इन सब को देखते हुए ये युद्ध जल्द शांत होता हुआ तो नज़र नहीं आ रहा। लेकिन इतना तो तय है कि इज़रायल के खिलाफ आज सभी मुस्लिम देश एक हो चुके हैं और अब ज़रूरत है बाकि देशों को मिलकर इज़रायल की रक्षा करने की।