Dehradun Water Shortage: राजधानी देहरादून के दून अस्पताल में पीने के पानी की किल्लत से मरीजों और तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस तपती गर्मी में लोग जब अस्पताल अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं, तो उन्हें हॉस्पिटल में पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। हालांकि, अस्पताल में RO लगे हैं, मगर उनमें कई दिनों से पानी नहीं है।
शौचायलय में भी नहीं है पानी
तीमारदारों ने बताया कि अस्पताल में स्थिति इतनी गंभीर (Dehradun Water Shortage) है कि शौचालय में भी पानी नदारद है। जिससे यहां आने वाले लोगों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि उत्तराखंड का सबसे बड़ा अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज है, इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब दून अस्पताल के ये हाल हैं तो अन्य अस्पतालों की क्या हालत होगी। वहीं पानी की किल्लत के कारण तीमारदारों को बाहर से पानी का बोतल खरीदना पड़ रहा है।
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दूर की जा रही पानी की समस्या
अस्पताल में पानी की समस्या पर उप चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि बढ़ती गर्मी के कारण प्रत्येक दिन तीन बार मोटर चलाना पड़ रहा था, जिस कारण से मोटर खराब हो गई और मोटर को ठीक करा कर अब लाया गया है, अब जल्द ही मोटर को लगाकर अस्पताल से पानी की समस्या को दूर किया जाएगा। फिलहाल मरीजों के विषय में उन्होंने कहा कि मरीजों को ऐसी विषम परिस्थिति में सहयोग करना चाहिए।
टिहरी में पेयजल संकट को लेकर डीएम को सौंपा गया ज्ञापन
टिहरी झील से सटे प्रतापनगर के ल्वारंखा अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव में पेयजल संकट की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने डीएम से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और पेयजल समस्या को दूर करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में धनराशि स्वीकृत नहीं होने के कारण पेयजल योजना का निर्माण नहीं हो पा रहा है। जिससे ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे है और करीब 500 से अधिक की आबादी प्रभावित हो रही है और गर्मियों में ये समस्या और बढ़ जाती है।