दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चल रही जांच में 2 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए नया समन जारी कर दिया है। इसके पूर्व भी ईडी ने 17 जनवरी, तीन जनवरी, 21 दिसंबर और दो नवंबर को केजरीवाल को समन भेजा था, लेकिन दिल्ली सीएम पेश नहीं हुए थे।
इससे पूर्व ईडी द्वारा भेजे गए समन को लेकर अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनको समन भेजे जा रहे हैं। आबकारी मामले की जांच पिछले दो साल से चल रही है। इन दो सालों में इनको कुछ भी नहीं मिला। कई कोर्ट भी ईडी से कई बार सवाल पूछ चुकी हैं कि कितने पैसों की रिकवरी हुई, क्या कहीं कोई सोना, जमीन के कागजात मिले, लेकिन ईडी को कहीं कुछ नहीं मिला है। लोगों को मार-मार कर झूठे बयान लिए जा रहे हैं। उधर, आप की वरिष्ठ नेता व मंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा अपने कामों के दम पर नहीं, बल्कि सीबीआई-ईडी का इस्तेमाल करते हुए चुनाव जीतना चाहती है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दावा किया है कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। ईडी को अभी तक सुबूत नहीं मिले हैं, जबकि पिछले दो साल से शराब घोटाले की चर्चा हो रही है और जांच एजेंसी कई रेड मार चुकी है।
केजरीवाल का आरोप है कि फर्जी मामले में जांच एजेंसी ने आप के कई नेताओं को जेल में डाल रखा है। अब भाजपा पूछताछ के बहाने उनको भी गिरफ्तार कराना चाहती है। उसका मकसद आप के लोकसभा चुनाव प्रचार को रोकना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी संपत्ति ईमानदारी है। झूठे आरोप व फर्जी समन भेजकर ईमानदारी पर चोट की जा रही है।
ईडी के समन को गैर-कानूनी बताते हुए उन्होंने कहा था कि इस मामले में उन्होंने ईडी से कुछ सवाल पूछे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसका सीधा मतलब है कि जांच एजेंसी के पास शराब घोटाले का कोई पुख्ता सुबूत नहीं है। एजेंसी का समन गैर-कानूनी है। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या उनको गैर-कानूनी समन का पालन करना चाहिए, अगर कानूनी रूप से सही समन आता है तो जांच में पूरा सहयोग करेंगे।