वरुण गांधी को भारतीय जनता पार्टी अगर पीलीभीत से लोकसभा सीट नहीं देती है तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। यह इसलिए कहा जा रहा है कि वरुण गांधी के प्रतिनिधि ने पीलीभीत से सांसद के 4 नामांकन फॉर्म खरीदे हैं। बताया जा रहा था कि वरुण गांधी के प्रतिनिधि दिल्ली से पीलीभीत आए और 4 सेट नॉमिनेशन पेपर खरीद कर वापस चले गए थे।
हालांकि, सीटों के बटवारे को लेकर अभी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में CEC बैठक के बाद तय होगा कि वरुण गांधी को लोकसभा टिकट दिया जाएगा कि नहीं। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश स्तर पर हुई एक बैठक में भाजपा नेताओं ने वरुण गांधी को टिकट देने का विरोध किया था। बीते एक साल से वरुण गांधी राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। पहले चरण में ही पीलीभीत की वोटिंग होनी है। इसके लिए आज से नॉमिनेशन शुरू हो गया है। लेकिन, अभी इस सीट पर भाजपा और सपा ने अपने प्रत्याशी को नहीं उतारा है। पीलीभीत से वरुण गांधी सपा के हेम राज वर्मा को हराकर सांसद बने थे।
अगर भाजपा वरुण गांधी को टिकट नहीं देती है तो सपा वरुण गांधी को अपना प्रत्याशी बना सकती है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पीलीभीत सीट को लेकर अहम बैठक की थी। जब अखिलेश यादव पीलीभीत में एक व्यापार सभा में मौजूद थे, तब उनसे वरुण गांधी को लेकर सवाल किया गया तो अखिलेश यादव ने कहा, ये भाजपा का मसला है कि वो किसको टिकट देती है और किसको नहीं। हमारी पार्टी इस बात पर बाद में विचार करेगी। इस बयान से साफ लगता है कि अगर भाजपा वरुण गांधी को सीट नहीं देती है तो सपा पीलीभीत से वरुण गांधी को टिकट दे सकती है। अखिलेश ने बैठक में 6 से ज्यादा उम्मीदवारों के साथ-साथ वरुण गांधी के नाम की भी चर्चा की थी।