न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग को किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान दिल्ली आना चा रहे हैं। पिछले आठ दिनों से शंभू और दातासिंह वाला बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। बुधवार को किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली कूच का प्रयास किया, जिसके बाद हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आंसू गैस के गोले बरसाए। कुछ देर के बाद यहां पर पुलिस की ओर से किसान पर रबड़ की गोलियां भी चलाईं। गोलियां चलने की वजह से दातासिंह वाला बॉर्डर पर दो किसान जख्मी हो गए। वहीं, जिसमें एक 23 साल के युवा की मौत भी हो गई। वहीं, दूसरे किसान को गंभीर चोट आई है, उसे रोहतक पीजीआई में भर्ती किया गया है।
किसान नेताओं ने दावा किया कि 23 साल के शुभकरण की मौत सिर पर रबर बुलेट लगने से हुई है। अब तक पुलिसबलों और किसानों के बीच हुए टकराव में 52 किसान और 12 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। वहीं, शंभू बॉर्डर के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं और वहां भी छह किसानों के घायल होने की खबर है।
इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों को फिर बातचीत का न्यौता दिया है। केंद्र के प्रस्ताव पर बाद किसान नेताओं ने दो दिन के लिए दिल्ली कूच टाल दिया है। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति का एलान करेंगे।
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर जींद के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने कहा कि पंजाब के किसान बुलडोजर के माध्यम से बॉर्डर पर लगे अवरोधक हटाने की कोशिश कर रहे थे। रोकने पर उन्होंने पराली में मिर्च डालकर उसमें आग लगा दी और उसका धुंआ बड़े पंखे की मदद से पुलिस की ओर कर दिया। इस पर पुलिस को भी आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन और लाठीचार्ज का प्रयोग करना पड़ा। इसके अलावा कई किसानों ने तलवार व गंडासों से भी पुलिस पर हमला किया। अंबाला के शंभू बॉर्डर पर भी दिनभर घमासान चलता रहा। पुलिस की मोर्चेबंदी की बीच युवा किसानों ने शाम पांच बजे तक कई बार बैरिकेडिंग के समीप आकर तोड़ने का प्रयास किया लेकिन आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार के कारण उन्हें पीछा हटना पड़ा।