Lok Sabha Election 2024: मुंबई उत्तर-मध्य लोकसभा सीट से इस बार भारतीय जनता पार्टी ने आतंकी कसाब को फांसी दिलाने वाले वकील उज्जवल निकम को टिकट दिया है। उनसे पहले इस सीट से प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन चुनाव लड़ती थी। इस सीट पर साल 2014 से बीजेपी जीतती आ रही है। यहां पर मोदी का मैजिक खूब चलता है। इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो इस सीट पर कांग्रेस ने 7 बार जीत दर्ज की है। साल 1952 में हुए पहले चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के नारायण सदोबा काजरोलकर ने जीत हासिल की थी । साल 1957 के चुनाव में यह सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के श्रीपाद अमृत डांगे और अनुसूचित जाति महासंघ के गोपाल कालूजी के पास चली गई थी। साल 1962 में फिर कांग्रेस की जीत हुई। 1977 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की अहिल्या रंगनेकर सांसद चुनी गईं। 1980 में जनता पार्टी की प्रमिला दंडवते को जीत हासिल हुई।
उज्जवल निकम का इतिहास
उज्जवल देश के मशहूर सरकारी वकीलों में से जाने जाते हैं। उज्जवल निकम अपने करियर में 37 लोगों को फांसी की सजा दिलवा चुके हैं। इसके साथ ही 628 लोगों को उम्रकैद की सजा दिलवाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इन मामलों में रहे सरकारी वकील
आतंकी अजमल कसाब को फांसी दिलवाना
1993 के बम धमाकों में सरकारी वकील
गुलशन कुमार हत्याकांड
प्रमोद महाजन हत्याकांड
कौन हैं पूनम महाजन, जिनका BJP ने काटा टिकट
पूनम महाजन बीजेपी के जाने-माने दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की बेटी हैं। दरअसल 2006 में पिता की हत्या के बाद पूनम बीजेपी में शामिल हुई थीं। बीजेपी ने जब पहली बार पूनम को साल 2009 में टिकट दिया था तो वे घाटकोपर वेस्ट सीट पर चुनाव हार गई थीं। हालांकि इसके बाद 2014 में मोदी लहर के दौरान उन्होंने इसी सीट पर कांग्रेस की प्रिया दत्त को हराया था। वो ट्रेंड पायलट भी हैं, जिन्हें 300 घंटे फ्लाइंग का अनुभव भी है। साल 2014 में यहां से भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रही पूनम महाजन को 478,535 वोट मिले थे। उनके सामने कांग्रेस की प्रिया दत्त थी। प्रिया दत्त को 2,91,764 ही वोट हासिल हुए। वह 1,86,771 वोटों से चुनाव हारी थीं।
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ये है इतिहास
मुंबई उत्तर-मध्य लोकसभा सीट कई मायनों में अहम हो जाती है। इस लोकसभा क्षेत्र में विले पार्ले, चांदीवली, कुर्ला, कलिना, वांद्रे पूर्व और वांद्रे पश्चिम विधानसभाएं आती हैं। विले पार्ले में मशहूर बिस्कुट पारले जी की पहली फैक्ट्री लगी थी। यहां देश का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। जानकार बताते हैं कि इस इलाके में पुर्तगाली और ब्रिटिश साम्राज्य का कब्जे रहा है। इन इलाकों में पत्थर की खदाने रहीं। बांद्रा को उपनगरों की रानी कहा जाता है। यहां बड़े-बड़े चर्च मौजूद हैं।