Waqf Bill 2024: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार यानी 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ विधेयक 2024 पेश किया। इस विधेयक को पारित करने के बाद सरकार को वक्फ संपत्तियों को समायोजन करने में बड़ी भूमिका मिलेगी। विपक्षी सांसदों ने इस विधेयक पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बिल असंवैधानिक और कठोर है। विपक्ष के इस सवाल का जबाव देते हुए रिजिजू ने कहा कि विपक्ष की सभी आशंकाओं को दूर किया जाएगा। यह विधेयक किसी के अधिकार को लेने के लिए नहीं बल्कि हक दिलाने के लिए लाया गया है, जिन्हें कभी उनका अधिकार नहीं मिला।
बता दें, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में आज वक्फ बोर्ड कानून से जुड़े अल्पसंख्यक मामले में दो अहम बिलों को पेश किया। इस बिल को पेश करते ही विपक्ष ने लोकसभा में हंगामा शुरू कर दिया।
धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने बाद में कहा, ‘इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए, यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है, जिन्हें कभी अधिकार मिले ही नहीं।
यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना- असदुद्दीन ओवैसी
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ विधेयक को लेकर कहा कि ‘यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 का उल्लंघन करता है। यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना है। यह विधेयक लाकर सरकार देश को बांटने की कोशिश कर रही है। यह विधेयक इस बात का सबूत है कि आप मुस्लिमों के दुश्मन हैं।’
अखिलेश यादव ने भी बोला हमला
सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि ‘ये बिल जो पेश किया गया है, वो बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। मैंने सुना है कि आपके भी कुछ अधिकारों को वापस लिया जा रहा है और हम आपके लिए भी लड़ेंगे। मैं विधेयक का विरोध करता हूं।’ अखिलेश के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री ने आपत्ति भी जताई और कहा कि आप लोकसभा स्पीकर के अधिकारों के संरक्षक नहीं हैं।