Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज के ऐतिहासिक मंदिरों के कायाकल्प को प्राथमिकता दी है। इसका काम अब पूरा होने के करीब है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाल ही में लखनऊ में महाकुंभ की समीक्षा बैठक में परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के महत्व पर जोर दिया। तीन प्रमुख विभाग पर्यटन विभाग, स्मार्ट सिटी और प्रयागराज विकास प्राधिकरण इन परियोजनाओं को त्वरित गति से पूरा करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
मंदिर कॉरिडोर और जीर्णोद्धार का काम अंतिम चरण में
महाकुंभ के अतिरिक्त मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि महाकुंभ की तैयारियां पूरी गति से चल रही हैं। मंदिर कॉरिडोर और जीर्णोद्धार का काम भी अपने अंतिम चरण में है। मेला प्रशासन ने महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आस्था और आराम दोनों को प्राथमिकता दी है, ताकि उनके लिए एक यादगार अनुभव सुनिश्चित किया जा सके।
पर्यटन विभाग वर्तमान में 15 मंदिर कॉरिडोर और जीर्णोद्धार परियोजनाओं की देख-रेख कर रहा है। इनमें से 14 को 15 नवंबर तक और अंतिम परियोजना को 30 नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पूरा होने के करीब प्रमुख परियोजनाओं में भारद्वाज कॉरिडोर, मनकामेश्वर मंदिर कॉरिडोर, द्वादश माधव मंदिर, पड़िला महादेव मंदिर, अलोप शंकरी मंदिर और नौ अतिरिक्त मंदिर शामिल हैं।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण दो परियोजनाओं को दे रहा है अंतिम रूप
स्मार्ट सिटी पहल तीन प्रमुख परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही है, जिन्हें 15 नवंबर तक पूरा करने की योजना है। इनमें अक्षयवट कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर और पातालपुरी कॉरिडोर शामिल हैं। इसके अलावा, प्रयागराज विकास प्राधिकरण दो परियोजनाओं को अंतिम रूप दे रहा है।
नागवासुकी मंदिर का जीर्णोद्धार जिसे 30 नवंबर को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और हनुमान मंदिर कॉरिडोर, जिसे 10 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। महाकुंभ 2025 के दौरान लाखों लोगों के पवित्र संगम पर स्नान करने की उम्मीद है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं।