Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के CM हेमंत सोरेन के सहयोगी कहे जाने वाले प्रेम प्रकाश को जमानत दे दी है। बता दें कि प्रेम प्रकाश को जालसाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया गया था।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने PMLA पर बड़ी टिप्पणी भी की है। अदालत ने PMLA पर बात करते हुए कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद, PMLA में ये नियम भी लागू होगा। ये संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार का हिस्सा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करके ही किसी को उसके आजादी से वंचित रखा जा सकता है। PMLA के तहत हिरासत के दौरान अगर कोई भी आरोपी जांच अधिकारी के सामने अपने अपराध को स्वीकार करने का का बयान देता है, तो उस बयान को अदालत में सबूत की तरह नहीं माना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बड़ी बातें
जज बी आर गवई की बेंच ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि जब कोई आरोपी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत हिरासत में होता है, तो जांच अधिकारी को दिया गया कोई भी दोषपूर्ण बयान को सबूत की तरह नहीं स्वीकार किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि PMLA में भी जमानत नियम है और जेल अपवाद है। साथ ही कोर्ट ने धारा 45 में केवल जमानत के लिए पूरी की जाने वाली शर्तों के बारे में भी बात की।
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प्रेम प्रकाश क्यों हुआ था गिरफ्तार?
झारखंड के CM हेमंत सोरेन का करीबी कहे जाने वाले प्रेम प्रकाश पर रांची जमीन घोटाला का आरोप है। ED ने अगस्त, 2023 में साहिबगंज में 1 हजार करोड़ अवैध पत्थर खनन के केस में गिरफ्तार किया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका कबूल कर ली है।
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