महाराष्ट्र की राजनीति लोकसभा चुनाव के तहत काफी उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। इंडिया गठबंधन के तहत उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने जो प्रत्याशी घोषित किए हैं उसको लेकर उसकी सहयोगी कांग्रेस ही काफी नाराज चल रही है। अब शिवसेना (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता आनंदराव अडसुल ने गुरुवार को महाराष्ट्र में अमरावती लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार नवनीत राणा की उम्मीदवारी का विरोध किया है।
“मौत का कुआं”
उन्होंने ये तक कहा कि नवनीत “मौत का कुआं” में जा रही हैं। अडसुल ने कहा कि, नवनीत राणा अनजाने में ‘मौत का कुआं’ में जा रही हैं। अमरावती के भाजपा के लोग भी उनकी उम्मीदवारी से खुश नहीं है। विरोध के बावजूद भाजपा द्वारा उन्हें चुने जाने का एकमात्र कारण यह है पार्टी की आलाकमान में से किसी ने इसको अपनी नाक का सवाल बना लिया है।
उन्होंने यह भी बताया कि नवनीत राणा को मैदान में उतारने का फैसला गठबंधन ने नहीं बल्कि बीजेपी ने लिया है। भाजपा ने बुधवार को अमरावती संसदीय सीट से निर्दलीय लोकसभा सदस्य नवनीत राणा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था।
नवनीत राणा का पलटवार
इसी बीच महायुति के अंदर विरोध के बारे में बोलते हुए, नवनीत राणा ने कहा गधे और घोड़े का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि मैदान में जब घोड़ा दौड़ता है तो उसका विरोध होता है। लेकिन एक महिला होने के नाते, हमको पता है इसका सामना कैसे करना है।
दिलचस्प बात ये है कि नवनीत राणा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमरावती से अडसुल को हराया था। अडसुल ने 2009 और 2019 के बीच अमरावती का प्रतिनिधित्व किया है। अडसुल यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि राणा रिजर्व इलेक्शन क्षेत्र अमरावती में फर्जी जाति प्रमाण पत्र तैयार कराकर इलेक्शन लड़ने की तैयारी में हैं।
फर्जी प्रमाण पत्र का मामला कोर्ट में
असल में प्रमाण पत्र का ये पहले से ही काफी तूल पकड़ चुका है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने माना है कि राणा का प्रमाणपत्र फर्जी था। फिलहाल मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
नवनीत राणा पिछले लोकसभा चुनाव से अभी तक अपना व्यक्तित्व एक तेज तर्रार नेता के तौर पर काफी विकसित किया है। उनकी पहचान और भी ज्यादा तब सामने आई जब 2019 और 2022 के बीच उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार का कड़ा विरोध किया था।