Patanjali Advertisement Case: पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक बार फिर सुनवाई हुई। पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव की तरफ से पेश हुए वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पतंजलि ने जो माफीनामा पेपर में दिया था, उसे रजिस्ट्री में जमा करा दिया गया है। मुकुल रोहतगी ने अखबार में छपे माफीनामे को अदालत में दिखाया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस माफीनामे को देखने के बाद बाबा रामदेव के प्रति नरमी दिखाई है।
जब मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में अखबार में छपे माफीनामे की जानकारी दी तो सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपने ओरिजनल रिकॉर्ड क्यों नहीं दिए, आपने ई फाइलिंग क्यों की? यह बहुत ज्यादा कन्फ्यूजिंग है और हम अपने हाथ खड़े कर रहे हैं। इस पर बाबा रामदेव की तरफ से ही पेश हुए वकील बलबीर सिंह ने कहा कि हो सकता है कि मेरी अज्ञानता की वजह से ऐसा हुआ हो। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछली बार जो माफीनामा छापा गया था, वो छोटा था और उसमें केवल पतंजलि लिखा था, लेकिन दूसरा बड़ा है, हम इसकी प्रशंसा करते हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान ही मुकुल रोहतगी ने IMA के प्रमुख के बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पतंजलि के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की थी।