समुद्री क्षेत्रों में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच सुरक्षा व्यवस्था अभेद कर दी गई है। गुजरात के जामनगर के वाडिनार में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने एक नए घाट का उद्घाटन किया है जो समुद्री जांबाजों के बड़ो जहाजों को तैनात करने की अनुमति देगा। भारत के कच्चे तेल का केंद्र कहे जाने वाले इस इलाके में समुद्री सुरक्षा बल तैयार रहेंगे।
भारत का 70% से ज्यादा कच्चा तेल गुजरात के कच्छ इलाके से होकर आता है। ऐसे में असामाजिक तत्वों की निगाहें भी भारत को आर्थिक रुप से चोट पहुंचाने की फिराक में रहती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत की तरफ से सुरक्षा के ये इंतजाम किए गए हैं।
जामनगर में तैयार हुए वाडिनार जेटी के जरिए कच्छ के समुद्री इलाके से होकर गुजरने वाले तेल के जहाजों की पहरेदारी करेगा। इसके आलावा भारतीय तट रक्षक अपने प्रदूषण नियंत्रण पोत, आईसीजीएस समुद्र पावक को उस क्षेत्र में तैनात करने जा रहा है जहां तेल प्रदूषण आपदाओं या घटनाओं से निपटने कि लिए पूरे साल 24 घंटे विशाल तेल टैंकर मौजूद रहते हैं। आईसीजी ने कच्छ की खाड़ी क्षेत्र में, जहां प्रमुख रिफाइनरियां मौजूद हैं। वहां किसी भी तरह की समुद्री डकैती की कोशिशों को नाकाम करने के लिए अभेद सुरक्षा बंदोबस्त कर दिए हैं।
कच्छ का ये समुद्री इलाका बेहद संवेदनशील माना जाता है। वाडिनार में पहले से भी भारी मात्रा में सुरक्षा बलों की तैनाती है। ये वो इलाका है जहां भारत की बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनियां मौजूद हैं। कच्छ की खाड़ी क्षेत्र गुजरात में पश्चिमी तट पर देश का सबसे बड़ा कच्चे तेल का केंद्र है। यहां रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा पेट्रोलियम की प्रमुख रिफाइनरियां मौजूद हैं। सुरक्षा के लिहाज से भारतीय तटरक्षक बलों को और ज्य़ादा ताकतवर बना दिया गया है।
भारतीय नौसेना की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले महीने में भारतीय नौसेना ने लाल सागर और अरब सागर ऑपरेशन के बाद इस पूरे रूट की रक्षा के लिए बड़ी शक्ति बनकर उभरा है। दिसंबर से लेकर अब तक भारतीय समुद्री जाबांजों ने 17 जहाजों को समुद्री लुटेरों से बचाया है। जनवरी महीने के आखिर में भारतीय नौसेना के आईएनएस सुमित्रा ने 36 घंटे में 2 जहाजों को सोमालियाई लुटेरों से बचाया था। भारत की तरफ से लाल सागर में पिछले दिनों कई ऑपरेशन देखने मिले हैं जो भारतीय नौसेना की ताकत बयां करते हैं।